उत्तराखंड

उत्तरकाशी में सीएम ने किया 37 करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास

शान्ति टम्टा / उत्तरकाशी। मुख्यमंत्री ने चिकित्सा सेवा को बेहतर बनाने के लिए जनपद उत्तरकाशी के लिए तीन 108 ऐम्बुलेंस देने और हर्षिल में सहकारी बैंक की शाखा खोलने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने जनपद में कुल 37 करोड़ 66 लाख 50 हजार की विभिन्न विकास योजनाओं के शिलान्यास व लोकार्पण किये।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को उत्तरकाशी के रामलीला मैदान में आयोजित कृषि महोत्सव-2018 एवं विकास मेले का विधिवत उद्घाटन किया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान की नवीन पहल की प्रशंसा करते हुए उद्योग विभाग के हिमाद्री इम्पोरियम में किसान आउटलेट एवं रैथल होम स्टे वेबसाइट का शुभारम्भ किया। मेला स्थल पर उन्होंने विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पुरोला विधान सभा और गंगोत्री विधान सभा क्षेत्र के विकास के लिए कई योजनाओं का शिलान्यास भी किया।

मुख्यमंत्री ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य की समस्या स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर थी, जिसे सरकार ने चुनौती के रूप में लिया। राज्य सरकार ने पहला ध्यान चिकित्सालयों में डाक्टरों की तैनाती पर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने कड़ा फैसला लेते हुए डॉक्टरों की अटैचमेंट व्यवस्था समाप्त कर दी। जहां पर डॉक्टरों की पूर्व में तैनाती थी, उन्हें वहीं भेज दिया गया है। इसके साथ ही डाक्टरों को नोटिस जारी कर 31 दिसम्बर तक जिला चिकित्सालयों में तैनात होने के निर्देश दिये गये, जिसमें से कई डॉक्टर अपने तैनाती स्थल पर पहुचं गये है। उन्होंने कहा कि दो माह के भीतर प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालय में डॉक्टरों की तैनाती कर दी जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि वर्ष 2019-20 तक ऑलवेदर रोड़ का कार्य अंतिम चरण में हो। इसके साथ ही इस वर्ष फरवरी एवं मार्च में ऑलवेदर सड़क के कार्यो में और तेजी आयेगी। उन्होंने कहा कि ऑलवेदर रोड़ बनने से जहां एक ओर जनपद में पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा वहीं किसान अपनी फसल को ब्रांडेड पैकिंग कर अच्छे लाभ ले सकता है।

मुख्यमंत्री ने हर्षिल की राजमा का जिक्र करते हुए कहा कि हर्षिल की राजमा की ग्रेडिंग की जाय तो इसका अच्छा लाभ कास्तकारों को मिल सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में सबसे ज्यादा मांग भेड़ पालन की है। इस मौके पर उन्होंने पशुपालन के क्षेत्र में उपस्थित किसानों एवं लोगों से हिसाब लगाने की बात कही, कहा कि कितनी मेहनत ओर कितना लाभ पशुपालन में हुआ है। उन्होंने किसानों से घरेलू शहद का उत्पादन करने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा मांग बड़े राज्यों में पहाड़ पर उत्पादित शहद की रहती है। यदि शहद को बड़े शहरों तक पहुंचाया जाय तो किसानों को इसका अत्यधिक लाभ मिलेगा। गांव में समूह बनाकर शहद का उत्पादन किया जाय तो इससे गांव के लोगों को रोजगार मिलेगा।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य के 670 न्याय पंचायतों में ग्रोथ सेंटर खोले जायेंगे, जिसमें 15 सेन्टर रेडिमेट गारमेंट के शुरू किये जायेंगे। उन्होंने देहरादून में पिरूल रिसर्च सेन्टर खोले जाने की बात भी कही। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग द्वारा तैयार की गई ‘‘कृषि रैबार’’ पत्रिका का भी विमोचन किया।

कृषि मंत्री  सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य सरकार ने कृषकों के हित में 70 से ज्यादा निर्णय लिये है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पलायन रोकना है, तो कृषि को बढ़ावा देना होगा। पहाड़ी क्षेत्रों को फसल बीमा योजना में शामिल करने का निर्णय लिया गया है।

इस अवसर पर विधायक गोपाल सिंह रावत, अध्यक्ष जिला पंचायत जशोदा राणा, अध्यक्ष नगर पालिका जयेन्द्री राणा, जिलाधिकारी आशीष चौहान सहित जनपद स्तरीय अधिकारी, क्षेत्रीय जनता एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

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