उत्तराखंड

भटवाड़ी के ग्रामीणों ने पर्यावरण बचाने को चलाई मुहिम

रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग के भटवाड़ी के ग्रामीणों ने स्थानीय जंगलों को बचाने के लिए एक सामूहिक पहल की शुरूआत की है। भटवाड़ी गांव के ठीक नीचे अलकनंदा नदी किनारे ग्रामीणों ने त्रिफला वन सहित विभिन्न जनोपयोगी वृक्ष लगाकर पर्यावरण को बचाने की मुहिम शुरू की है। प्रख्यात पर्यावरणविद् और गाँधी शांति पुरस्कार से विभूषित चण्डी प्रसाद भट्ट ने कहा कि ग्रामीणों की यह पहल काबिले तारीफ है।

बुधवार को भटवाड़ी गांव में पर्यावरण बचाओ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पर्यावरणविद् चण्डी प्रसाद भट्ट ने पर्यावरण बचाने के लिए ग्रामीणों की पहल का स्वागत करते हुए विवेकानंद कृषि अनुसंधान केन्द्र द्वारा लोहे के नये तकनीक के हल भी ग्रामीणों को वितरित किए गए।

जिलाधिकारी ने कहा ग्रामीणों का यह प्रयास सराहनीय है। उन्होंने कहा कि वनों के निर्माण से जहां हमारे पर्यावरण को फायदा होगा वहीं इससे ग्रामीणों की आर्थिकी में भी सुधार आयेगा। उन्होंने ग्रामीणों की मांग पर वहां फलपट्टी विकसित करने का भी आश्वासन दिया।
गौरतलब है कि शिक्षक सतेन्द्र भण्डारी के प्रयासों भटवाड़ी गांव में अलकनंदा नदी किनारे कई सालों से त्रिफला के पेड़ का जंगल तैयार किया जा रहा है। ग्रामीणों ने भी अब उनके साथ इस मुहिम में जुड़ने का फैसला लिया है।

वरिष्ठ पत्रकार रमेश पहाड़ी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के नाम पर सरकारी योजनाओं के तहत हर साल पौधे लगाये जाते हैं, लेकिन देखभाल के अभाव में ये पौधे पनप ही नहीं पाते हैं। उन्होंने कहा कि पौधरोपण के बाद उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी तय किया जाना बेहद महत्वपूर्ण है।

कार्यक्रम में सर्वोदयी कार्यकर्ता मुरारीलाल, भोपाल सिंह नेगी, दरबान सिंह नेगी, सरपंच सुरेन्द्र सिंह जगवाण, महिला मंगल दल की अध्यक्ष माया देवी, वीरा देवी, विमला देवी, सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

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