उत्तराखंड

शौर्य दिवस : वीर सैनिकों की शौर्यगाथा युवाओं के लिए प्रेरणा श्रोत – सीएम

देहरादून/ डीबीएल ब्यूरो। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सर्वे प्रेक्षागृह हाथीबडकला में शौर्य दिवस पर आयोजित ‘‘एक शाम शहीदों के नाम’’ कार्यक्रम में कारगिल में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि कारगिल युद्ध के 20 वर्ष पूरे हो रहे हैं। यह ऐतिहासिक युद्ध था जो हमारे वीर सैनिकों ने लड़ा। उन्होंने कहा कि हमारी सेना ने सदैव देश की सुरक्षा के लिए अपना बलिदान दिया है। देहरादून/ डीबीएल ब्यूरो। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सर्वे प्रेक्षागृह हाथीबडकला में शौर्य दिवस पर आयोजित ‘‘एक शाम शहीदों के नाम’’ कार्यक्रम में कारगिल में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि कारगिल युद्ध के 20 वर्ष पूरे हो रहे हैं। यह ऐतिहासिक युद्ध था जो हमारे वीर सैनिकों ने लड़ा। उन्होंने कहा कि हमारी सेना ने सदैव देश की सुरक्षा के लिए अपना बलिदान दिया है। 

बुधवार को देर सांय शौर्य दिवस कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल एक ऐसा युद्ध था जो विपरीत परिस्थितियों में लड़ा गया जिसमें हमारे प्रदेश के 75 सैनिक शहीद हुए। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक युद्ध से हमारे पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी का भी नाम जुडा है उन्होंने इस सम्बन्ध में एतिहासिक व राजनैतिक निर्णय लेकर वायुसेना को भी इसमें भागीदार बनाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे सैनिकों ने जिस अदम्य साहस, वीरता का परिचय दिया इतिहास उसे सदैव याद रखेगा। इस युद्ध की हमारे जवानों की शौर्यगाथा हमारे युवाओं को पे्ररणा भी प्रदान करेगी। ‘‘एक शाम शहीदों के नाम’’ कार्यक्रम में शहीदों के सम्मान में नाट्य एवं लोकनृत्य की प्रस्तुती दी गयी।

कार्यक्रम में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज, मसूरी विधायक गणेश जोशी, उत्तराखण्ड संस्कृति कला परिषद के उपाध्यक्ष घनानंद, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट आदि उपस्थित थे।

पलायन रोकने को आर्थिकी की मजबूती पर फोकस – सीएम

देहरादून/ डीबीएल ब्यूरो। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुए कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिये ग्रामीण आर्थिकी की मजबूती के लिये प्रयास किये जा रहे है इसके लिये ग्रोथ सेन्टरों की स्थापना के साथ ही स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है। परम्परागत खेती के साथ ही जंगलों में होने वाले उत्पादों की भी प्रोसेसिंग पर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक 58 ग्रोथ सेन्टर की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। नये थीम बेस्ड रोजगार सृजन की योजनाओं पर विशेष फोकस करने के साथ ही होटल व्यवसाय व साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, इसके लिये अलग विभाग भी बनाया जा रहा है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिये 95 विकास खण्डों में ग्राम लाइट योजना के तहत लैम्पों की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। इसमें महिलाओं के साथ ही स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होने के साथ ही उनकी आर्थिकी भी मजबूत हो सकेगी।

पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास जारी : मुख्यमंत्री                     

देहरादून/ डीबीएल ब्यूरो। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये 13 जिले, 13 नये पर्यटन गंतव्य की योजना को धरातल पर लाने के प्रयासों में तेजी लायी जा रही है। इसके अन्तर्गत जनपदों में नये पर्यटन स्थलों के विकास के साथ ही बड़े होटलों की स्थापना पर भी ध्यान दिया जा रहा है। बड़ी संख्या में प्रदेश के विभिन्न स्थलों पर 5 सितारा होटलों की स्थापना से पर्यटकों व फिल्मकारों आदि की आवाजाही प्रदेश में बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही आर्थिकी भी मजबूत होगी। 

मुख्यमंत्री रावत के निर्देश पर उनके औद्योगिक सलाहकार केएस पंवार ने टिहरी व उत्तरकाशी जनपद के हर्षिल व खरशाली आदि स्थलों का भ्रमण कर इसकी संभावना तलाशी। इस सम्बन्ध में पंवार ने बताया कि प्रतापनगर से टिहरी झील का मनोरम दृश्य बेहद खूबसूरत दिखता है। तत्कालीन टिहरी नरेश प्रताप शाह ने प्रतापनगर में जो राजमहल बनाया है उसे हैरिटेज के रूप में विकसित कर यहां पर्यटन हब बनाया जा सकता है। 

पंवार ने कहा कि मुख्यमंत्री का मानना है कि टिहरी बांध के कारण अलग-थलग पड़े प्रतापनगर को साहसिक पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किया जा सकता है। साथ ही सुरम्य वादियों में रेस्ट हाउस, कैंपिंग, टेंट काॅलोनी बनाकर पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि टिहरी राजवंश ने ऐसे ही प्रतापनगर को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित नहीं किया था। राजमहल और आसपास की जगह अच्छी है। यहां पर भव्य होटल का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसी तरह उत्तरकाशी में भी अनेक क्षेत्र प्राकृतिक सौन्दर्य को समेटे हुए है, यहां भी होटल व्यवसाय की काफी संभावनाएं नजर आती हैं। 

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