उत्तराखंड

निजीकरण के खिलाफ सड़क पर उतरे रक्षा संस्थान कर्मी

देहरादून। रक्षा के क्षेत्र में निजीकरण की सरकार की साजिश के खिलाफ देहरादून के रक्षा संस्थानों से जुड़े कर्मचारियो ने आल इण्डिया डिफेन्स ईम्पलाईज फेडरेशन के आह्वान पर जुलूस निकाल कर निजीकरण का पुतला फूंका।

फेडरेशन के आह्वान पर गुरूवार की शाम को दून के रक्षा संस्थानों ओएफडी, ओएलएफ, आईआरडीई और अन्य संबंधित संस्थानों के कर्मचारी आयुध निर्माणी के गेट पर एकत्र हुए, जिसके बाद कर्मचारियों ने रैली निकाली। रैली आयुध निर्माणी से मुख्य मार्ग होते हुए दुल्हनी चौक पर समाप्त हुयी।

रैली को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि रक्षा कर्मचारियों के हक पर सरकार लगातार कुठाराघात कर रही है। रक्षा क्षेत्र के 139 उत्पादों को सरकार ने नान कोर की श्रेणी में डाल कर रक्षा कारखानों को भारी क्षति पहुंचाई है। यह रक्षा के कारखानों तथा शोध संस्थानों को बंद करने की सरकार की साजिश है। उन्होंने कहा कि इन उत्पादों के नान कोर में डालने से आयुध कारखानों का उत्पाद कम होगा और रक्षा कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा। आज सरकार ने रक्षा के क्षेत्र मे एफडीआई लागू कर 222 निजी कम्पनियों को हथियार और रक्षा उपकरण बनाने का लाइसेंस दिया गया है। इसके साथ ही कई उत्पादों को नान कोर की श्रेणी में डालकर आयुध निर्माणियों को बंद करने की साजिश रची जा रही है। छोटे हथियार बनाने वाली चार निर्माणियों को पीपीपी मोड में देने के बाद सरकार ने रक्षा के क्षेत्र में निजीकरण का दरवाजा खोल दिया है। सभा के बाद कर्मचारियों ने निजीकरण का पुतला फूंका।

रैली में अनिल उनियाल, शशि नौटियाल, अशोक शर्मा, जगदीश छिमवाल, बीपी कोठारी, नीरज शर्मा, उमाशंकर, कपिल, संजीव मवाल, चेतन जखमोला समेत कई कर्मचारी मौजूद थे।

Key Words : Uttarakhand, Dehradun, Defense personnel, privatization

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