उत्तराखंड

पुरोला को जिला बनाने की मांग – ग्रामीणों ने दी 16 अगस्त से अनशन की चेतावनी

 कुलदीप शाह

उत्तरकाशी। रवाई घाटी में पुरोला को अलग जनपद बनाने को लेकर क्षेत्र के ग्रामीणों ने मंगलवार को ढोल-नगाड़ों के साथ नगर में जुलूस-प्रदर्शन किया। साथ ही उन्होंने तहसील कार्यालय में बेमियादी आंदोलन शुरू कर दिया है। 15 अगस्त तक मांगें पूरी नहीं होने पर ग्रामीणों ने 16 अगस्त से अनशन शुरू करने की चेतावनी दी है।

पूर्व चेतावनी के अनुसार मंगलवार को बड़ी संख्या में ग्रामीण तहसील मुख्यालय पर एकत्र हुए। यहां ढोल-नगाड़ों के साथ नगर में जुलूस की शक्ल में तहसील कार्यालय में पहुंचे और शासन-प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया। धरना स्थल पर हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की सीमा से लगे मोरी प्रखंड सहित समूची रवाईं घाटी के लोगों को वर्तमान में उत्तरकाशी जिला मुख्यालय तक जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। इससे क्षेत्र की समस्याओं के समाधान में दिक्कत आने के साथ ही क्षेत्र का विकास भी प्रभावित हो रहा है। उन्होंने क्षेत्र के केंद्र पुरोला में मुख्यालय बनाकर अलग जनपद की मांग उठाई।

ग्रामीणों ने किसानों के कृषि ऋण माफ करने व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पुरोला में अल्ट्रासाउंड की सुविधा मुहैया कराने की मांग भी की है। आंदोलनकारियों ने 15 अगस्त तक मांगें पूरी नहीं होने पर 16 से अनशन शुरू करने की चेतावनी दी। इस दौरान बड़कोट से पृथक जनपद बनाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष अब्बल चंद कुमाईं के नेतृत्व में यहां पहुंचे लोगों ने रवाईं को अलग जनपद बनाने के लिए संयुक्त रूप से आंदोलन का सुझाव दिया।

इस मौके पर दिनेश खत्री, निवर्तमान नगर पंचायत अध्यक्ष प्यारे लाल हिमानी, नव क्रांति के गजेंद्र सिंह चौहान, प्रकाश कुमार, मदन लाल अग्रवाल, लोकेश बड़ोनी, यशवंत राणा, अमीन सिंह नेगी, सेवा राम शाह, एलम पंवार, आदि मौजूद रहे।

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