सामाजिक सरोकार

विडम्बना: बांदल नदी को बचाने के लिए करना होगा पढ़े-लिखे लागों को शिक्षित

पंकज भार्गव / देहरादून

उत्तराखंड राज्य के देहरादून और टिहरी जिले की सीमा पर स्थित है बांदल घाटी। इस घाटी की तलहटी से होकर बहने वाली बांदल नदी का पानी देहरादून में पेयजल आपूर्ति का एक महत्वपूर्ण श्रोत है। नदी के दोनों ओर अनियंत्रित विकास और अतिक्रमण के चलते नदी का पानी खतरनाक प्रदूषकों और रसायनों से दूषित हो गया है।

स्थानीय ग्रामीणों आरोप है कि बांदल नदी को प्रदूषित करने में सैरसपाटा करने आने वाले पर्यटक और दून के स्थानीय लोग भी जिम्मेदार हैं। अपने साथ लाए खाने पीने का बचा हुआ सामान बोतलें, रैपर्स आदि को ये लोग नदी के आसपास या सीधे नदी में ही फेंक जाते हैं। स्थानीय लोगों द्वारा मामले में हस्तक्षेप करने पर झगड़े की नौबत तक आ जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि प्रकृति की इस अनमोल धरोहर को बचाने के लिए पढ़े लिखे लागों को शिक्षित करने के लिए जागरूकता मुहिम चलानी होगी। सरकार से उनकी मांग है कि नदी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए कड़े नियम बनाये जाएं।

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