उत्तराखंड

लापरवाही – तीन महीने बाद फिर से टूट गया गंगोरी पुल

कुलदीप शाह
उत्तरकाशी। उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री हाईवे पर अस्सीगंगा नदी पर गंगोरी में बना बैली ब्रिज तीन महीने के भीतर फिर से टूट गया है। इसकी वजह से गंगा घाटी का उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। पुल टूटने से गंगोत्री घाटी अलग-थलग पड़ गई है। चीन सीमा को जोड़ने वाला यह एक मात्र गंगोरी पुल 14 दिसंबर 2017 की सुबह भी ओवरलोड ट्रकों के कारण टूट गया था। बीआरओ ने मरम्मत कर एक महीने बाद 10 जनवरी से इस पर वाहनों का संचालन शुरू कराया था। यात्रा से ठीक पहले पुल के टूटने से प्रशासन की तैयारियों पर सवालिया निशान लग गया है।

रविवार सुबह गंगोरी पुल से गुजरते ओवरलोड डंपर के कारण पुल फिर टूट गया। जिसके चलते पुल निर्माण एजेंसी और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। चिंता इस बात की है कि 17 दिन बाद चारधाम यात्रा शुरू होनी है। गंगोत्री धाम जाने के लिए यही एकमात्र पुल है। ऐसे में यात्रा से ठीक पहले पुल के टूटने से बड़ी मुश्किल खड़ी हो गयी है। गंगोरी पुल साल 2012 अगस्त की आपदा में असी गंगा में आई विनाशकारी बाढ़ के बाद में बह गया था। जिसके 20 दिन में बाद सीमा सड़क संगठन ने बैली ब्रिज तैयार किया था। आपदा के 5 साल से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी सरकार ने यहां पक्का पुल नहीं बनाया था।

उत्तरकाशी से चीन सीमा को जोड़ने वाला गंगोरी में बना बैली ब्रिज एक मात्र रास्ता है। इसके दोबारा टूटने से गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित हो गया है। ऐसे में गंगोरी से आगे भटवाड़ी, हर्षिल, गंगोत्री व असी गंगा क्षेत्र सहित चीन सीमा की सामरिक चैकियों से संपर्क पूरी तरह कट गया है। पुल ध्वस्त होने के बाद जिला प्रशासन व बीआरओ के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।

बताया जा रहा है कि बजरी से भरे ओवरलोड डंपर के कारण पुल टूटा है। इससे पहले भी ओवरलोड ट्रकों के कारण पुल टूटा था। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि पुल पर फिर से ओवरलोड ट्रक क्यों गुजरने दिया गया। प्रशासन और बीआरओ की ओर से मामले में अभी तक कोई बयान नहीं आया है।

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