उत्तराखंड

तृतीय केदार तुंगनाथ के दर्शन को उमड़े श्रद्धालु

रुद्रप्रयाग। पंचकेदारों में तृतीय केदार के नाम से विख्यात व रावण शिला के ऊपरी हिस्से में विराजमान भगवान तुंगनाथ के कपाट बुधवार को सुबह साढ़े दस बजे पौराणिक परम्पराओं व विधि विधान से श्रद्वालुओं के दर्शनार्थ खोल दियें गये हैं। कपाटोद्घाटन के पावन अवसर पर हजारों श्रद्वालुओं ने भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग की पूजा-अर्चना की।

तुंगनाथ यात्रा के आधार शिविर चोपता में ब्रह्नमबेला पर विद्वान आचार्यां व हक-हकूधारियां ने भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली व साथ चल रहे देवी देवताओं के निशाणों की पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजायें समपन्न करने के बाद आरती उतारी। सुबह से ही चोपता में भगवान तुंगनाथ की डोली के दर्शन करने वालो का तांता लगा रहा। ठीक 8 बजे भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने धाम के लिये रवाना हुई तथा चोपता मुख्य बाजार में व्यापारियां को आशीष देते हुये सुरम्य मखमली बुग्यालां की ओर अग्रसर हुयी। महिलाओं ने पौराणिक जागरों, श्रद्वालुआें ने जयकारों व स्थानीय वाध्य यत्रों की मधुर धुनों से भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली की अगवाई की गयी।

भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली सुरम्य मखमली बुग्यालां में नृत्य करते हुये व यात्रा पडावों पर श्रद्वालुओं को आशीष देते हुये अपने धाम पहुंची। डोली के धाम पहुंचते ही सम्पूर्ण तुंगनाथ धाम भगवान तुंगनाथ के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली व साथ चल रहे देवी देवताओ के निशाणों ने भगवान तुंगनाथ के मन्दिर व सहायक मन्दिरों की तीन परिक्रमा करने के बाद ठीक साढ़े दस बजे भगवान तुंगनाथ के कपाट श्रद्वालुओं के दर्शनार्थ खोल दिये गये।

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