उत्तराखंड

बारिश का प्रकोप : गरुड़चट्टी को जोड़ने वाले पुल के ऊपर से बह रही मंदाकिनी

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ में लगातार जारी बारिश के कारण हालात बिगड़ गये हैं। केदारनाथ में दो दिनों से लगातार बारिश जारी है। जिस कारण केदारनाथ से बहने वाली सरस्वती और मंदाकिनी नदी नदी ने केदारनाथ धाम से ही विकराल रूप धारण कर लिया है। नदियों का जल स्तर बढ़ने से गरूड़चट्टी को जोड़ने वाले पुल के उपर से पानी बह रहा है। ऐसे में कभी भी पुल तेज धारा में बह सकता है, जिसके बाद श्रद्धालुओं एवं मजदूरों की मुश्किलें बढ़ जायेंगी।

बारिश के कहर के चलते गरुड़चट्टी में कई मजदूर और साधु संत फंसे हुये हैं, जो उस पार ही फंस गये हैं। जबकि कई मजदूर और साधु संत इस पार से उस पार नहीं जा पा रहे हैं। केदारनाथ से गरूड चट्टी को जोडने वाला एकमात्र पुल है, जिससे हर रोज श्रद्धालु और मजदूरों का आवागमन होता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रि-डेवलपमेंट कार्य के तहत गरूड़चट्टी में कार्य किया जा रहा है। कई दिनों से केदारनाथ में बारिश हो रही है, लेकिन शुक्रवार रात से बारिश ने रूकने का नाम नहीं लिया है। कुछ ही घंटो में मंदाकिनी और सरस्वती नदियों का जल स्तर अचानक से बढ़ गया है। जिससे गरूड़चट्टी को जोड़ने वाले पुल के ऊपर पानी जा रहा है। ऐसे में पुलिस की ओर से पुल पर किसी भी प्रकार की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।

लगातार हो रही बारिश के कारण केदारनाथ में भी हालात बदत्तर होने लगे हैं। बारिश के कारण जहां केदारनाथ यात्रा प्रभावित हो रही है। वहीं अब केदारनाथ धाम से निकलने वाली मंदाकिनी नदी ने केदारनाथ धाम से विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है। जिस कारण केदारनाथ में रह रहे लोग भी भयभीत हो गये हैं। बढ़ते जल स्तर के कारण मंदाकिनी नदी केदारनाथ में दो भागों में विभाजित हो गई है। नदी का जल स्तर इतना तेज है कि नदी दो धाराओं में बह रही है और नदी ने अपना रूख भी बदल दिया है। हालांकि केदारनाथ मंदिर के पीछे तीन प्रकार की सुरक्षा दीवारें बनाई गई हैं। लगातार नदी के जल स्तर पर नजर बनाई जा रही है। यदि नदी का जल स्तर इसी प्रकार बढ़ता रहा तो निचले क्षेत्रों को भी खतरा पैदा हो सकता है। केदारनाथ धाम में एक बार फिर से जगह-जगह धाराएं फूटने लग गई हैं।

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