संस्कृति एवं संभ्यता

जौनसार में बूढ़ी दिवाली की तैयारियां पारंपरिक तरीके से शुरू

त्यूनी। जौनसार में 18 नवंबर से चार दिवसीय बूढ़ी दिवाली धूमधाम से मनाई जाएगी, इसके लिए लोगों ने पारंपरिक तरीके से तैयारियां शुरू कर दी हैं। मकानों की लिपाई पुताई के साथ मेहमानों व रिश्तेदारों के लिए चिवडा़ तैयार किया जा रहा है।

स्थानीय लोगों के अनुसार दीपावली पर्व के एक माह बाद जौनसार क्षेत्र में मनाई जाने वाली बूढ़ी दीवाली का अपना महत्व है। इस पर्व में क्षेत्र के लोग एक दूसरे के घरों में जाकर बधाई देते हैं और चिवडा़ अखरोट भेंट स्वरूप दिया जाता है।

18 नवंबर को छोटी दीपावली 19 नवंबर को बड़ी दीपावली जिसे ओंस पर्व के रूप में मनाई जाती है। लोग पूरी रात मंदिर प्रांगण एकत्र होकर सांस्कृतिक नृत्य करते हैं और एक दूसरे को चिवडा़ अखरोट भेंट स्वरूप देते हैं। इस दिन महिलाएं और बच्चे पारंपरिक वेशभूषा में जैता रासो नृत्य करते हैं। जन्दोई पर्व के दौरान अलग-अलग स्थानों में हाथी व हिरण नृत्य किया जाता है।

लावड़ी गांव के मुखिया सूरत सिंह लाखामंडल गांव के मुखिया मोहन सिंह आदि का कहना है कि बूढ़ी दीपावली आपसी भाईचारे व मिलन के त्यौहार का प्रतीक है।

 

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