संस्कृति एवं संभ्यता

जखोली के देवल गांव में पांडव नृत्य देखने उमड़ रहे ग्रामीण

रुद्रप्रयाग। आठ वर्षों बाद विकासखण्ड जखोली की ग्राम पंचायत देवल में पांडव नृत्य का आयोजन किया जा रहा है। पांडव नृत्य को देखने के लिये दूर-दराज गांवों से भी भारी संख्या में भक्त पहुंच रहे हैं। प्रवासी ग्रामीणों और धियाणियों ने भी गांव का रूख कर दिया है। पांडव लीला के तहत 3 दिसम्बर को चक्रव्यूह का आयोजन किया जायेगा।

विकासखण्ड जखोली की ग्राम पंचायत देवल में इन दिनों पांडव नृत्य की धूम मची हुई है। शुक्रवार से शुरू हुये नृत्य के तहत आज पांडवों के अस्त्र-शस्त्र गर्भ गृह से बाहर आएंगे। जिसके बाद पांडव पश्वा अस्त्र-शस्त्रों के साथ नृत्य करेंगे। देवल गांव में पांडव लीला की विशेष महत्ता है। गांव में महर्षि अगत्य के नाम से खेती की जाती है। ऐसे में यदि बाहरी गांवों के लोगों के खेत भी देवल गांव में हैं तो उन्हें भी पांडव नृत्य में बराबर की भागीदारी निभानी होती है। वहीं गांव में भगवान नागराज को विशेष महत्व दिया जाता है। पांडव लीला में भगवान श्रीकृष्ण नागराजा के रूप में प्रकट होकर श्रद्धालुओं को आशीष देते हैं। इस गांव में भगवान नागराजा की कृपा से कभी भी मवेशी बीमार नहीं होते हैं। पांडव लीला में प्रत्येक परिवार की सहभागिता जरूरी मानी जाती है। लगभग बीस दिनों तक चलने वाले पांडव नृत्य के तहत तीन दिसम्बर को चक्रव्यूह का आयोजन किया जायेगा। चक्रव्यूह मंचन को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं।

इस मौके पर पूर्व ग्राम प्रधान जगतराम सेमवाल, पंडित जगदीश प्रसाद ममगाईं, प्रताप सिंह राणा, अनुसूया प्रसाद उनियाल, सतीश उनियाल, बच्चीराम उनियाल, फरशुराम सेमवाल, राजेन्द्र प्रसाद उनियाल, हरिकृष्ण उनियाल, दिनेश प्रसाद उनियाल, पूर्णानंद उनियाल, जितेन्द्र ममगाईं, कुलदीप उनियाल सहित अन्य मौजूद थे।

Key Words : Uttarakhand, Rudraprayag, Pandavas dance, village Devol, Jakholi

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