उत्तराखंड

केदारनाथ रूट पर श्रद्धालुओं से मनमाने पैसे वसूल रहे दुकानदार

रोहित डिमरी
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को जमकर लूटा जा रहा है। प्रशासन की ओर से रेट तय न किये जाने से व्यवसायी अपनी मनमर्जी का पैसा ले रहे हैं। एक चार की कीमत जहां सात रूपये होती है, वहीं केदारनाथ में सीधे डबल रूपये लिये जा रहे हैं। यहां तक की गौरीकुंड से केदारनाथ पैदल मार्ग पर चाय की कीमत सीधे बीस रूपये ली जा रही है। ऐसे में तीर्थ यात्री भी खासे परेशान हैं।
आस्था और आध्यात्म का प्रतीक भगवान केदारनाथ के दरबार में यात्रियों का जमावड़ा लगा हुआ है। हर दिन हजारों की संख्या में यात्री बाबा के दर्शन को पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें असुविधाओं का सामना करना पड़ रहा है। शासन-प्रशासन की ओर से दावे तो लाख किये जा रहे हैं, मगर हकीकत कुछ ओर बयां कर रही है। यात्रियों को जमकर लूटा जा रहा है। जिससे देवभूमि की छवि भी खराब हो रही है। तीर्थयात्रियों को एक चाय 15 से बीस रूपये में दी जा रही है, जबकि मैगी की कीमत पचास रुपये रखी गई है। इसके अलावा एक प्लेट खाने का तो सीधे सौ से डेढ़ सौ रूपये और रहने के लिए रूम का किराया सीधे चार से पांच हजार तक लिये जा रहे हैं। ऐसे में तीर्थयात्री देवभूमि से अच्छा संदेश लेकर नहीं जा रहे हैं। तीर्थयात्रियों का साफ तौर पर कहना है कि केदारधाम में जमकर लूट मची है। केदारधाम जैसे पवित्र स्थान पर ब्लैक काम किये जा रहे हैं और प्रशासन कुछ भी कार्रवाई करने को तैयार नहीं है। स्थानीय व्यवसायियों के आगे प्रशासन भी नतमस्तक दिखाई दे रहा है।
प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल :
रुद्रप्रयाग। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि होटल व रेस्टारेंट संचालकों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। सभी होटल व रेस्टोंरेंट संचालकों को रेट लिस्ट लगाने के निर्देश दिये गये हैं। सेक्टर मजिस्ट्रेटों को भी कहा गया है कि वे ऐसे व्यापारियों पर नजर रखें। प्रशासन की ओर से समय पर अगर व्यापारियों पर नकेल कसी जाती तो आज ऐसी स्थिति सामने नहीं आती। केदारनाथ जैसे पवित्र स्थान पर जमकर लूट मची है। स्थानीय व्यापारी यात्रियों को महंगे दामों पर सामान बेच रहे हैं। ऐसे में शासन-प्रशासन पर सवालियां निशान खड़े होना लाजमी है।

Key Words : Uttarakhand, Rudraprayag, Kedarnath, yatramarg

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button