शिक्षा और रोजगार

पर्यावरण संरक्षण को हाॅबी की रूप में विकसित करें छात्र : भरतरी

मैती संस्था के संस्थापक पद्मश्री कल्याण सिंह रावत ने कहा कि भविष्य की पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना बेहद जरूरी

डीबीएल ब्यूरो / देहरादून।

वन विभाग उत्तराखंड सरकार की ओर से आयोजित वन्य जीव सप्ताह के समापन अवसर पर मालदेवता इंटर काॅलेज में स्कूली छात्रों को जैव विविधता को कायम रखने के लिए जागरूक किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सूबे के मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी ने छात्रों को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में हरियाली के संरक्षण के लिए योगदान करने को प्रेरित किया।

गुरूवार को मसूरी वन प्रभाग द्वारा आयोजित वन्य जीव संरक्षण सप्ताह के समापन अवसर पर मालदेवता इंटर काॅलेज के प्रांगण में वन्य जीवों एवं जैवविविधता संरक्षण के प्रति जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजीव भरतरी प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड सरकार ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड जैव विविधता एवं वन्य जीवों के लिहाज से बेहद धनी प्रदेश है। प्रकृति में अनेकों रहस्य छुपे हैं जिन्हें समझने के लिए अध्ययन की जरूरत है। उन्होंने छात्रों को पर्यावरणीय परिवेश के प्रति अपनी समझ को विकसित करने के लिए जागरूक किया। उन्होंने कहा कि यदि छात्र पर्यावरण संरक्षण को हाॅबी की रूप में विकसित करें तो उनकी यह सोच जीवन यापन की दिशा में भी सहायक बन सकती है

कार्यक्रम में मैती संस्था के संस्थापक पद्मश्री कल्याण सिंह रावत ने कहा कि भविष्य की पीढ़ी को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि स्कूली पाठ्यक्रम में प्राकृतिक संसाधनों के रखरखाव के प्रति और अधिक बढ़ावा देने की आवश्यकता है। वन्य जीवन को सुरक्षित रखकर ही हम आने वाले कल की सुखद परिकल्पना के बारे में सोच सकते हैं। उन्होंने कहा कि गंगा यमुना के पानी को अमृत समान इस लिए कहा जाता है क्यों कि इन नदियों का जल हिमालयी बुग्यालों में पायी जाने वाली जड़ी बूटियों से रिसकर आता है। उन्होंने कहा कि हिमालय के बुग्यालों में पाये जाने वाले दुलर्भ वन्य जीव आज हमारे प्रदेश के प्रतीक के रूप में कायम हैं। जंगलों और वन्य जीवों के संरक्षण के लिए उन्होंने सूबे के विद्यालयों में ईको क्लब के पुनर्गठन पर भी जोर दिया।

वन विभाग मसूरी सर्कल की डीएफओ कहकशा नसीम ने कहा कि सभी की सहभागिता से वनों और वन्य जीवों के संरक्षण के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। उन्होंने इस दिशा में छात्रों की भूमिका को अहम् बताया।

राजकीय महाविद्यालय मालदेवता रायपुर के प्राचार्य डाॅ. सुरेश नौटियाल ने मसूरी क्षेत्र के पर्यावरणीय परिवेश की तुलना चैपता से करते हुए कहा कि इस क्षेत्र की प्राकृतिक खूबसूरती को कायम रखने के लिए अवैध खनन को रोका जाना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जैव विविधता को कायम रखने के लिए वन्यजीवों के अस्तित्व को बचना हम सभी की जिम्मेदारी है।

नुक्कड़ नाटक के माध्यम से दिया हरियाली बचाने का संदेश:

कार्यक्रम के दौरान मालदेवता इंटर काॅलेज के एनएसएस से जुड़े छात्र छात्राओं ने पर्यावरण संरक्षण के लिए सांस्कृृतिक प्रस्तुतियां दीं। छात्रों की नुक्कड़ नाटक प्रस्तुति को सभी ने खूब सराहा।

कार्यक्रम के समापन पर प्रधानाचार्य इंटर कॉलेज एमएस सजवाण ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर वन विभाग के मसूरी सर्कल के रेंज अफसर शिव प्रसाद गैरोला सहित वन विभाग के अन्य अफसर और कर्मचारी, विद्यालय के एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी संजीव कुमार सैनी, शिक्षक एवं छात्र मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन भूपेन्द्र सिंह राणा ने किया।

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