उत्तराखंड

यमकेश्वर ब्लाॅक के दुष्कर्मी मामा को दस साल के कठोर कारावास की सजा

पौड़ी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश पौड़ी की अदालत ने नाबालिग बालिका से दुष्कर्म के दोषी को दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और दस हजार का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड जमा न करने पर अभियुक्तरिश्ते में पीड़िता के मामा को छह माह की कठोर सजा और भुगतनी होगी।

मामला यमकेश्वर तहसील क्षेतार्गत एक गांव का है। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करने वाले जिला शासकीय अधिवक्ता अवनीश नेगी ने बताया कि यमकेश्वर तहसील क्षेत्र के एक गांव की नाबालिग बालिका 12 फरवरी 2018 से अपने घर से गायब हो गई थी। मामले में नाबालिग बालिका के पिता ने 20 फरवरी 2018 को राजस्व उप निरीक्षक तल्ला डांगू प्रथम के यहां अज्ञात के खिलाफ मामले की रिपोर्ट दर्ज कराई। 15 मार्च को यह मामला रेगुलर को सौंप दिया गया। रेगुलर

पुलिस की जांच पड़ताल के बाद 23 मार्च 2018 को बालिका नटराज चौक ऋषिकेश में सुरेंद्र उर्फ मोहम्मद उमर पुत्र चैत्रमणी निवासी मालाकुंडी यमकेश्वर के साथ बरामद की गई। आरोप है कि आरोपी सुरेंद्र कई साल पहले सहारनपुर चला गया था और पीडिता की मां से अक्सर फोन पर बात करते समय वह पीड़िता से भी बात किया करता था। पीड़िता के अपहरण के बाद अभियुक्त ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। इसकी पुष्टि मेडिकल परीक्षण में भी हुई।

मामले में जिला जज एवं सत्र न्यायाधीश जीएस धर्मशक्तू की अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस और साक्ष्यों के अवलोकन के बाद सुरेंद्र उर्फ मोहम्मद उमर, निवासी माला कुंडी, यमकेश्वर को किशोरी के साथ दुष्कर्म का दोषी पाया। साथ ही उसे पोक्सो एक्ट के तहत दस साल का कठोर कारावास की सजा सुनाई।

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