राजनीतिक

शराब बंदी का ठीक समय, राजस्व की भरपाई केंद्र करे : हरीश रावत

रानीखेत। प्रदेश की भाजपा सरकार शराब व खनन को लेकर अपने ही बनाए गड्ढ़े में फंस गई है। इस मसले को वह उगल पा रही है न ही निगल पा रही है। शराब बंदी से होने वाले राजस्व की भरपाई वह अपनी केंद्र सरकार से कर सकती है। यह बात पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कही। उन्होंने कहा कि शराब बंदी में निर्णय लेने का यह ठीक समय है।

चिलियानौला में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मालरोड स्थित वन विश्राम गृह में पत्रकार वार्ता में कहा कि शराब व खनन मामला वर्तमान सरकार की गले की हड्डी बन गया है। उन्होंने कहा कि जिसके चलते आज सरकार शराब व खनन की वकालत में लगी है। प्रदेश सरकार के राष्ट्रीय व राज्य मार्गों को जिला मोटर मार्ग का दर्जा दिए जाने के फैसले पर उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में राष्ट्रीय, राज्य व जिला सड़कों को उत्तरी भारत की सबसे अच्छी सड़कें माना गया है, लेकिन अब जिला सड़क का दर्जा दिए जाने से सड़कों के रखरखाव में बजट का अभाव होगा। इस कदम से पहले सड़कों के लिए अतिरित्तफ बजट की व्यवस्था की जानी थी।

उन्होंने कहा कि 2014 में जब वह मुख्यमंत्री बने उस समय राज्य 40 हजार करोड के कर्ज पर था। जबकि सकल विकास दर व प्रति व्यक्ति औसत आय हम देश में सबसे आगे चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि खनन व शराब के लिए हमारी सरकार के खिलाफ भाजपा ने व्यापक रुप से प्रचार कर लोगों को भ्रमित किया, जबकि खनन करने वाले, क्रशर तथा नदियां वहीं हैं। लेकिन आज इस कार्य को करने वाले भाजपा के लिए सदाचारी हो गए है। भाजपा की करनी कथनी में बड़ा अंतर है। समय के साथ यह स्थिति भी स्पष्ट हो जाएगी। तब जनता विकल्प के रुप में कांग्रेस के साथ खड़ी होगी।

Key Words : Uttarakhand, Ranikhet, Harish Rawat, Alcohol Cessation

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