सामाजिक सरोकार

… तो समंदर दूर करेगा पानी का संकट

संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक 2025 तक दुनिया की 14 फीसदी आबादी के सामने पानी का संकट होगा।  पृथ्वी पर 71 फीसदी पानी की मौजूदगी होने के बावजूद इस कटु सत्य से इन्कार नहीं किया जा सकता है। हम इस बात को भी अच्छे से जानते हैं कि पृथ्वी के एक बड़े हिस्से पर मौजूद समंदर का खारा पानी पीने लायक नहीं होता लेकिन अच्छी खबर यह है कि अब वैज्ञानिकों ने वो तरीका खोज निकाला है जिससे इसे पीने लायक बनाया जा सकेगा।

माना जा रहा है कि इस खोज से साफ पानी के लिए मोहताज लाखों लोगों को मदद मिल सकेगी। ब्रिटेन में वैज्ञानिकों की एक टीम ने ग्रैफीन की एक ऐसी छलनी विकसित की है जो समंदर के खारे पानी से नमक को अलग कर देगी।
ग्रैफीन ग्रैफाइट की पतली पट्टी जैसा तत्व है। ग्रैफीन ऑक्साइड की ये छलनी समुद्र के पानी से नमक अलग करने के लिए काफी असरदार है। पानी से नमक अलग करने वाले मौजूदा विकल्पों की तुलना में नई तकनीक का प्रयोग किया जाना है। पहले ये माना गया था कि ग्रैफीन आधारित तकनीक का बड़े पैमाने पर प्रयोग मुश्किल भरा होगा।

यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर के वैज्ञानिकों की टीम की अगुवाई डॉक्टर राहुल नायर ने की और इस रिसर्च पेपर को साइंस जर्नल नेचर नैनोटेक्नॉलॉजी ने प्रकाशित किया है। मौजूदा उपलब्ध तकनीक से सिंगल लेयर वाले ग्रैफीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन एक महंगा मामला है।

नई तकनीक पर डॉक्टर नायर बताते हैं कि ग्रैफीन ऑक्साइड लैब में आसानी से तैयार किया जा सकता है।
दुनिया में पानी साफ करने की मौजूदा तकनीक पॉलीमर फिल्टर पर आधारित है। डॉक्टर नायर का कहना है, हमारा अगला कदम बाजार में उपलब्ध सामाग्री से इसकी तुलना करना है।
(साभार : पॉल रिंकॉन, साइंस एडिटर, बीबीसी न्यूज)

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