उत्तराखंड

आजीविका संवर्द्धन – कालेश्वर में महिलाओं को सिखाए उद्यमिता विकास के गुर

कर्णप्रयाग/चमोली। उत्तराखंड में 2013 में आई आपदा से चमोली जिले के घाट एवं कर्णप्रयाग ब्लॉक में सबसे ज्यादा नुकसान का आंकलन किया गया था। आपदा प्रभावित परिवारों की महिलाओं के लिए डॉ. आरएस टोलिया प्रशासनिक अकादमी नैनीताल के तत्वावधान में विशेष योजनागत सहायता के तहत सहयोगी स्वैच्छिक संस्था नीलकंठ पर्यावरण शिक्षण एवं विकास समिति (नीड्स) द्वारा तुलसी एवं राजमा के उत्पादन से आजीविका संवर्द्धन में सहयोग प्रदान किया जा रहा है। इस कड़ी में परियोजना की लाभार्थी महिलाओं के लिए उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण में 40 महिलाओं ने प्रतिभाग किया।

सोमवार को चमोली जिले के घाट एवं कर्णप्रयाग में आजीविका संवर्द्धन कार्यक्रम के तहत नीड्स की ओर से लाभार्थी महिलाओं के लिए कालेश्वर स्थित हॉर्क अलकनन्दा कृषि बहुउद्देशीय स्वायत्त सहकारिता भवन में एक दिवसीय उद्यमिता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। प्रशिक्षण के दौरान हॉर्क के विशेषज्ञों ने लाभार्थी महिलओं को राजमा एवं तुलसी की वैज्ञानिक तरीके से की जाने वाली उन्नत खेती के बारे में जानकारी दी।

आजीविका संवर्द्धन परियोजना में शामिल महिला किसानों ने खेती के बारे में अपने अनुभव साझा करने के साथ विशेषज्ञों से अपनी शंकाओं का समाधान भी किया। प्रशिक्षण के दौरान लाभार्थियों को स्थानीय फलों के उत्पादन से आय बढ़ोत्तरी के लिए भी प्रोत्साहित किया गया।

इस मौके पर नीड्स के समन्वयक मथुरा प्रसाद त्रिपाठी, सूरजमणि मैंदोली, सुरेन्द्र सिंह रावत आदि मौजूद रहे।

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