24 अक्टूबर: आईटीबीपी स्थापना दिवस – बर्फ से ढकी चौकियों से हिमवीर करते हैं सीमा की पहरेदारी

डीबीएल डेस्क / देहरादून
भारत-चीन संघर्ष के उपरान्त देश की उत्तरी सीमाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए 24 अक्टूबर 1962 को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपीएफ) का गठन किया गया। आईटीबीपी की शुरुआत केवल चार पलटनों के एक छोटे से दल के रूप में हुई जो अब एक वृहत रूप ले चुका है।
आईटीबीपी का मुख्य कार्य भारत-तिब्बत सीमा की सुरक्षा और रखवाली करना, सीमा की जनता को सुरक्षा की भावना प्रदान करना, महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा और आन्तरिक सुरक्षा कर्तव्यों का निर्वहन और आपदा के समय राहत और बचाव कार्य आदि करना है।
आईटीबीपी देश के अग्रणी अर्धसैनिक बल के रूप में पहचाना जाता है। इस बल के जवान अपनी कडी ट्रेनिंग एवं व्यावसायिक दक्षता के लिए जाने जाते हैं तथा किसी भी हालात व चुनौती का मुकाबला करने के लिए हर समय तत्पर रहते हैं। वर्षभर हिमालय की गोद में बर्फ से ढकी अग्रिम चौकियों पर रहकर देश की सेवा करना इनका मूल कर्तव्य है, इसलिए इनको ‘हिमवीर’ के नाम भी जाना जाता है।