डीएम डॉ आशीष चौहान पहुंचे जंगल की आग बुझाने
जिलाधिकारी चौहान स्वयं पहुंचे जंगल की आग बुझाने
जनपद स्तरीय अधिकारियों और अग्निशमन मशीनरी के साथ रात्रि को पहुंचे टेका मार्ग के जंगल में लगी आग को बुझाने
स्थानीय राहगीरों और निवासियों को बताया वन संपदा और वन्य जीव संपदा को बचाने का महत्व
जंगल में आग लगाने वालों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई के दिए निर्देश
उत्तराखंड : मुख्यालय स्थित टेका मार्ग पर आग लगने की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा आग को नियंत्रित करने में सफलता पाई। वहीं उच्च स्थानों में लगी आग पर काबू पाने के लिए फायर टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए आग पर नियंत्रण पाकर पूर्णरुप से बुझाया गया। जिलाधिकारी ने आम जनमानस से अपील करते हुए कहा कि वनाग्नि की रोकथाम के लिए सभी लोग आगे आएं और अपना सहयोग जिला प्रशासन को प्रदान करें।
शनिवार देर रात को टेका मार्ग के जंगल में लगी आग पर काबू पाने के लिए जिलाधिकारी व संबंधित अधिकारियों ने आग बुझाने की कार्रवाई की। उनकी तत्परता और शीघ्रता के कारण आग को नियंत्रित करने में सफलता मिली। वहीं अग्निशमन विभाग द्वारा भी सुरक्षित रूप से आग को बुझाया गया। जिलाधिकारी ने जंगलों में आग लगने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कहा। साथ ही सक्त निर्देश भी दिए कि जो भी जंगल में आग लगाते हुए पाया जाता है उस पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई करें।
उन्होंने आम जनमानस को सूचित करते हुए कहा कि आग लगने की सूचना को तुरंत वन विभाग के कंट्रोल रूम के Toll Free No- 18001804141 में पहुंचाएं, ताकि आग बुझाने की कार्रवाई की जा सके। उन्होंने वन विभाग, फायर टीम, राजस्व विभाग और संबंधित अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश भी दिए। उन्होंने आम जनमानस से भी कहा कि जंगलों में आग लगाने वाले व्यक्तियों की सूचना कंट्रोल में दें और सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में लगी आग को नियंत्रित करने के लिए विभागों द्वारा दिन-रात काम किया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने कहा कि जंगलों में आग लगने से पर्यावरण पर अनेक घातक प्रभाव हो सकते हैं, जैसे कि वनस्पति, जंगली जानवर और पक्षियों की हत्या, जल स्रोत सूखना, भूस्खलन को बढ़ावा मिलना, जलवायु परिवर्तन बढ़ने का खतरा सहित अन्य नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि सभी को अपनी प्राकृतिक धरोहर की सुरक्षा के लिए सतर्क रहना चाहिए। कहा कि सभी को एक सुरक्षित और स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में अपना योगदान देना चाहिए और मिलकर अपने प्राकृतिक संपदा की रक्षा करनी चाहिए।
इस दौरान डीएफओ सिविल सोयम प्रदीप कुमार, संयुक्त मजिस्ट्रेट अनामिका, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका गौरव भसीन, एसडीओ वन विभाग लक्की शाह सहित अग्निशमन टीम, राजस्व टीम, स्थानीय पुलिस, आपदा प्रबंधन की टीम और जनपद स्तरीय अधिकारी और कार्मिक आग बुझाने वालों में शामिल थे।
जिलाधिकारी चौहान स्वयं पहुंचे जंगल की आग बुझाने
जनपद स्तरीय अधिकारियों और अग्निशमन मशीनरी के साथ रात्रि को पहुंचे टेका मार्ग के जंगल में लगी आग को बुझाने
स्थानीय राहगीरों और निवासियों को बताया वन संपदा और वन्य जीव संपदा को बचाने का महत्व
जंगल में आग लगाने वालों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई के दिए निर्देश
उत्तराखंड : मुख्यालय स्थित टेका मार्ग पर आग लगने की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा आग को नियंत्रित करने में सफलता पाई। वहीं उच्च स्थानों में लगी आग पर काबू पाने के लिए फायर टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए आग पर नियंत्रण पाकर पूर्णरुप से बुझाया गया। जिलाधिकारी ने आम जनमानस से अपील करते हुए कहा कि वनाग्नि की रोकथाम के लिए सभी लोग आगे आएं और अपना सहयोग जिला प्रशासन को प्रदान करें।
शनिवार देर रात को टेका मार्ग के जंगल में लगी आग पर काबू पाने के लिए जिलाधिकारी व संबंधित अधिकारियों ने आग बुझाने की कार्रवाई की। उनकी तत्परता और शीघ्रता के कारण आग को नियंत्रित करने में सफलता मिली। वहीं अग्निशमन विभाग द्वारा भी सुरक्षित रूप से आग को बुझाया गया। जिलाधिकारी ने जंगलों में आग लगने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कहा। साथ ही सक्त निर्देश भी दिए कि जो भी जंगल में आग लगाते हुए पाया जाता है उस पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई करें।
उन्होंने आम जनमानस को सूचित करते हुए कहा कि आग लगने की सूचना को तुरंत वन विभाग के कंट्रोल रूम के Toll Free No- 18001804141 में पहुंचाएं, ताकि आग बुझाने की कार्रवाई की जा सके। उन्होंने वन विभाग, फायर टीम, राजस्व विभाग और संबंधित अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश भी दिए। उन्होंने आम जनमानस से भी कहा कि जंगलों में आग लगाने वाले व्यक्तियों की सूचना कंट्रोल में दें और सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में लगी आग को नियंत्रित करने के लिए विभागों द्वारा दिन-रात काम किया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने कहा कि जंगलों में आग लगने से पर्यावरण पर अनेक घातक प्रभाव हो सकते हैं, जैसे कि वनस्पति, जंगली जानवर और पक्षियों की हत्या, जल स्रोत सूखना, भूस्खलन को बढ़ावा मिलना, जलवायु परिवर्तन बढ़ने का खतरा सहित अन्य नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि सभी को अपनी प्राकृतिक धरोहर की सुरक्षा के लिए सतर्क रहना चाहिए। कहा कि सभी को एक सुरक्षित और स्वच्छ पर्यावरण की दिशा में अपना योगदान देना चाहिए और मिलकर अपने प्राकृतिक संपदा की रक्षा करनी चाहिए।
इस दौरान डीएफओ सिविल सोयम प्रदीप कुमार, संयुक्त मजिस्ट्रेट अनामिका, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका गौरव भसीन, एसडीओ वन विभाग लक्की शाह सहित अग्निशमन टीम, राजस्व टीम, स्थानीय पुलिस, आपदा प्रबंधन की टीम और जनपद स्तरीय अधिकारी और कार्मिक आग बुझाने वालों में शामिल थे।