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पंचायतों के सशक्तिकरण को 15वें वित्त आयोग से प्रदेश को मिले 1651 करोड़: महाराज

 

कुमाऊं मंडल के निर्वाचित त्रिस्तरीय पंचायत  एवं कार्मिकों की दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ

रूद्रपुर (उधमसिंह नगर)  से संवाददाता गौरव गुप्ता : पंचायतों के विकास और सशक्तिकरण के लिए 15वें वित्त आयोग से प्रदेश को अब तक टाइट फंड से 933 करोड, अनटाइट फंड से 718 करोड़ सहित कुल 1651 करोड़ की धनराशि प्राप्त हुई है।

उक्त बात प्रदेश के पंचायतीराज एवं ग्रामीण निर्माण मंत्री सतपाल महाराज ने स्थानीय गांधी पार्क शुक्रवार को राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत कुमाऊं मंडल के निर्वाचित त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों एवं कार्मिकों की 16, 17 फरवरी दो दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर कही।

त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों एवं कार्मिकों के लिए पंचायत विकास सूचकांक, ई-पंचायत एप्लीकेशन, पर्यावरण प्रबन्धन एवं कार्बन न्यूट्रिलिटी, आपदा प्रबन्धन तथा आपदा प्रबन्धन में पंचायतों की भूमिका व ओ.एस.आर. मॉडल जी.पी.डी.पी., ई-ग्राम स्वराज व अन्य पोर्टल का प्रबन्धन आदि विषयों पर आहूत इस दो दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री महाराज ने कहा कि पंचायतीराज व्यवस्था आम ग्रामीण जनता की लोकतंत्र में प्रभावी भागीदारी का सशक्त माध्यम है।

73वें संविधान संशोधन द्वारा एक सुनियोजित पंचायतीराज व्यवस्था स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। इस संशोधन अधिनियम के जरिये संविधान में 11वीं अनुसूची जोड़ते हुए 29 विषय त्रिस्तरीय पंचायतों को हस्तान्तरित करने का अधिदेश प्राप्त हुआ।

महाराज ने कहा कि जन आकांक्षाओं के अनुरूप विकास कार्यों को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्ग दर्शन में सरकार द्वारा निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और कमजोर वर्ग के व्यक्तियों के उत्थान के लिए चलायी जा रही विभिन्न विकास योजनाओं के सफल संचालन के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार समाप्ति के लिए संकल्पबद्ध है। इसी उद्देश्य से क्षेत्र पंचायत प्रमुखों एवं जिला पंचायत अध्यक्षों का निर्वाचन प्रत्यक्ष रूप से किये जाने हेतु हमारी सरकार के द्वारा संविधान के अनुच्छेद 243 के अन्तर्गत संशोधन किये जाने हेतु भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। राज्य में बढ़ते प्लास्टिक वेस्ट के प्रबंधन हेतु 95 विकास खण्डों में 85 कॉम्पैक्टर्स स्थापित किये गये हैं। इनमें अधिकांश अपना काम सुचारू रूप से कर रहे हैं।

सरकार ने ग्राम पंचायतों की आय बढ़ाने की भी पहल की है। इसके तहत ग्राम पंचायतों की खाली भूमि पर पार्किंग बनाने, कूड़ा करकट, गंदगी आदि को हर घर से एकत्र करने, सालिड वेस्ट मैनेजमेंट करने, सड़कों की सफाई, मृतक पशुओं को हटाने, कूड़ादान, व्यक्तिगत व सामुदायिक कूड़ा निस्तारण आदि के लिए निर्धारित शुल्क वसूल कर पंचायतों की आय में वृद्धि होगी।

पंचायतीराज मंत्री महाराज ने कहा कि दो वर्षों में हमारी सरकार में 1250 पंचायत भवनों का निर्माण किया है और लगभग 400 का कार्य भी पूर्ण किया जा चुका है। पंचायत भवनों में सी.एस.सी. सेण्टर के रूप में अब तक 250 अतिरिक्त कक्षों का निर्माण किया जा चुका है।

इन भवनों में सेवा का अधिकार अधिनियम में अधिसूचित सेवाओं, जैसे जन्म-मृत्यु पंजीकरण, परिवार रजिस्टर पंजीकरण, शुद्धिकरण, परिर्वर्धन व प्रतिलिपि निर्गमन, शौचालय प्रमाण पत्र, भवन निर्माण अनापत्ति प्रमाण पत्र आदि के साथ-साथ सेवा का अधिकार अधिनियम के तहत् विभिन्न विभागों की सेवाएं नियत समयावधि के अन्तर्गत जन सामान्य को सुलभ कराई जा रही हैं। राज्य सेक्टर योजना तथा राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना के अन्%

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