लांघा के ग्रामीण बोले – जल संरक्षण मुहिम में बनेंगे सहभागी, नहीं होने देंगे पानी की बर्बादी
देहरादून/डीबीएल संवाददाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील के तहत लांघा गांव के ग्रामीणों ने पानी की बर्बादी रोकने बारिश के पानी और प्राकृतिक जल श्रोतों में पानी के संग्रह के साथ स्वच्छता की मुहिम को सफल बनाने की शपथ ली। जल संरक्षण एवं संवर्द्धन विषय पर आयोजित बैठक में ग्रामीणों ने अपने सुझाव भी साझा किये।
देहरादून के विकासनगर विकासखण्ड स्थित लांघा गांव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जल संरक्षण एवं संवर्द्र्धन को ग्राम पंचायतों में भेजे गए पत्र के मद्देनजर ग्रामीणों की एक बैठक आयोजित की गई। बैठक का संचालन करते हुए ग्राम प्रधान आनन्द सिंह तोमर ने प्रधानमंत्री द्वारा प्रेषित पत्र की विषय वस्तु को सभी को पढ़कर सुनाया गया। उन्होंने पानी की बर्बादी रोकने और प्राकृतिक श्रोतों को बचाने के लिए सभी ग्रामीणों से भागीदारी सुनिश्चत करने की अपील की।
बैठक में सहायक अभियंता जल निगम नवीन बिष्ट ने कहा कि पेयजल संरक्षण बेहद महत्वपूर्ण पहलू है। उन्होंने कहा कि पुराने समय में हर गांव में पानी के प्राकृतिक श्रोत हुआ करते थे लेकिन रखरखाव की कमी और नल में आने वाले पानी पर आत्मनिर्भरता के चलते वे श्रोत लुप्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं। पानी के महत्व को अब समझना होगा।
वरिष्ठ एवं बुद्धिजीवी केदार सिंह रावत एवं बलदेव सिंह राणा ने कहा कि पहले बारिश का पानी मिट्टी में समा जाता था जिससे प्राकृतिक श्रोतों में पानी की निरंतरता बनी रहती थी लेकिन पेड़ों के अंधाधुंध कटान से अब बरसात का पानी तेजी से बहकर निकल जाता है। बारिश के पानी को बर्बाद होने से बचाने और उसके संचयन के लिए पेड़ों को बचाना होगा और हर व्यक्ति को पौधरोपण कर अपनी जिम्मेदारी को समझना होगा। ग्रामीण सुमन सिंह चैहान ने जल संरक्षण विषय पर अपनी बात रखते हुए कहा कि दिशा में जन समुदाय की भागीदारी बहुत जरूरी है। चिकित्साधिकारी डा. शालिनी रानी, पीआरपी एनआरएलएम नरेश कुमार ने भी अपने विचार रखे।
बैठक के समापन पर प्रधान आनन्द सिंह तोमर ने सभी ग्रामीणों को पानी की बर्बादी रोकने और गांव के प्राकृतिक जल श्रोतों को पुनर्जीवित करने की शपथ दिलाई और ग्रामीणों ने मिलकर गांव के चैक पर सफाई अभियान चलाया।
इस मौके पर नईम अहमद, लोकेश कुमार, किरन, गीता, बवीता, सीमा, नरो देवी, प्यारो, जयवंती, लक्ष्मी देवी, द्वारिका, रघुवीर सिंह, तुमन सिंह, कलम सिंह, सुमंत सिंह, संदीप कुमार, सुरेश कुमार आदि ग्रामीण मौजूद थे।