गौरादेवी कन्याधन योजना में घांधली पर सहायक समाज कल्याण अधिकारी पर कार्रवाई
देहरादून। गौरादेवी कन्याधन योजना के गायब आवेदनों के विषय में उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त आलोक कुमार जैन ने निर्णय लिया कि लापरवाही बरतने वाले सहायक समाज कल्याण अधिकारी, अल्मोड़ा किशन राम, और आयोग के समक्ष भ्रामक एवं सत्य से परे बायन दर्ज कराने वाले वरिष्ठ सहायक रजनीश पंत, पर विभागीय कार्यवाही की जाये। निदेशक, समाज कल्याण विभाग ने सहायक समाज कल्याण अधिकारी की एक वार्षिक वेतन वृद्धि स्थायी रूप से रोकने तथा दोनों कार्मिकों के कृत्यों के कारण उन्हें भर्त्सना प्रविष्ठि दण्ड स्वरूप प्रदान की।
गौरतलब है कि किशन सिंह कुमैया, निवासी-ग्राम-चांदीखेत, अल्मोड़ा ने उनकी पुत्री मधु कुमैया को गौरा देवी कन्यादेवी योजना के अंतर्गत वर्ष 2013 में आवेदन समय से करने पर भी जिला समाज कल्याण अधिकारी, अल्मोड़ा द्वारा उसे लाभान्वित न किये जाने पर उन्होंने आयोग में दिनांक 10 मार्च, 2016 को शिकायती पत्र दाखित किया। इस मामले में कार्रवाई करते हुए आयोग ने क्रमबद्ध रूप से सुनवायी की, जिस दौरान समाज कल्याण विभाग को अपना पक्ष रखने हेतु पर्याप्त समय दिया गया। विभाग के प्रतिनिधि द्वारा विकासखण्ड स्तर पर आवेदिका के आवेदन-पत्र को प्राप्त किया गया परंतु यह प्रार्थना-पत्र जिला समाज कल्याण अधिकारी को प्राप्त नहीं होने के कारण आवेदिका को योजना का लाभ से वंचित रखा गया। विभाग का बड़ा ही गैर-जिम्मेदाराना रूख रहा जबकि उसके प्रतिनिधि को आवेदन समय से प्राप्त हो गया था। आयोग ने माना कि यह उत्तराखण्ड सेवा का अधिकार अधिनियम, 2011 के अंतर्गत निर्धारित समयबद्धता का खुला उल्लंघन था। प्रकरण पर विभाग ने अपनी गलतियों को छुपाने की चेष्टता की और तत्कालीन सहायक समाज कल्याण अधिकारी को मृत बताकर पटाक्षेप करने का प्रयास भी किया गया। गहन छानबीन एवं जांच के उपरांत विभाग द्वारा की गयी लीपापोती एवं आयोग को गुमराह किये जाने के प्रयासों का पर्दाफाश हुआ।
Key Words : Dehradun, Action, Dhandali, Gauradevi Kanyaadan Yojna