स्वास्थ्य

जल जनित बीमारियां कुपोषण की वजह : डा. महेश भट्ट

डीबीएल संवाददाता / देहरादून

देश में प्रति घंटे 171 बच्चों की डायरिया के कारण हो जाती है मौत

शुद्ध और गुणवत्ता परख पेयजल अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्राथमिक आवश्यकता है। सरकार पेयजल की गुणवत्ता के लिए जल जीवन मिशन के माध्यम से करोड़ों की धनराशि इस लिए खर्च कर रही है ताकि लोगों को शुद्ध पेयजल मिल सके और उन्हें गंभीर बीमारियों से बचाया जा सके। यह बात विख्यात सर्जन एवं स्वास्थ्य विशेषज्ञ डा. महेश भट्ट ने जल जीवन मिशन के सफल क्रियान्वयन के लिए आयोजित सहयोगी संस्थाओं के लिए आयोजित प्रशिक्षण सत्र के दौरान कही।

कंेद्र सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन परियोजना के सफल क्रियान्वयन की दिशा में हर सफल प्रयास जारी हैं। इसी कड़ी में सूबे की राजधानी देहरादून में परियोजना से जुड़ी सहयोगी संस्थाओं के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे दिन बुधवार को प्रशिक्षकों ने सरकार की गाइड लाइन के बारे में विस्तार से बताया।

पेयजल की गुणवत्ता की अहमियत विषय पर स्वास्थ्य की अवधारणा विषय पर जानकारी देते हुए डा. महेश भट्ट ने प्रशिक्षणार्थियों को बेहद अहम् जानकारियां दीं। उन्होंने बताया कि पेयजल हमारे स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है लेकिन दुर्भाग्यवश जानकारी के अभाव में हमारे देश में प्रति घंटे तकरीबतन 171 बच्चों की डायरिया के कारण मौत हो जाती है। उन्होंने दूषित पेयजल की वजह से उल्टी, दस्त, टायफाइट, डिफ्थीरिया, किडनी रोग, तंत्रिका एवं त्वचा रोग का हवाला देते हुए कहा कि इन बीमारियों की वजह से परिवार, समाज और देश की विकास गति प्रभावित होती है।

डा. महेश भट्ट ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के लिए संचालित जल जीवन मिशन परियाजना में इस बात पर जोर दिया गया है कि पेयजल की गुणवत्ता में किसी तरह का समझौता नहीं किया जाना चाहिए, जिसके लिए सहयोगी संस्थाओं एवं गांव की ग्रामीण पेयजल एवं स्वच्छता समिति का रोल बेहद महत्वपूर्ण है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में देव ऋषि एजुकेशन सोसाइटी के वरिष्ठ प्रशिक्षकों ने भी विभिन्न सत्रों में जल जीवन मिशन परियोजना से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button