… तो अब सीबीआई जांचेगी फर्जी शिक्षकों के प्रमाणपत्र
देहरादून। उत्तराखंड के सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच सीबीआई करेगी। राज्य के शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया है। शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की सीबीआई से जांच कराने का प्रस्ताव अपर मुख्य सचिव शिक्षा डॉ. रणवीर सिंह ने दिया था जिस पर शासन ने मुहर लगा दी है। जांच के दायरे में 60 हजार से ज्यादा शिक्षक आएंगे। वहीं दूसरी तरफ राज्य के अशासकीय स्कूलों में पिछले छह महीने में हुई भर्ती की जांच की धीमी रफ्तार पर सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए अपर मुख्य सचिव को 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है।
सूत्रों का कहना है कि राज्य में बड़ी संख्या में फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर शिक्षकों के नौकरी पाने की शिकायत विभागीय आला अफसरों के पास आ रही थीं। मामले में पिछले साल से ही जांच चल रही है। सूत्रों का कहना है कि सबसे ज्यादा फर्जी प्रमाणपत्रों के जरिए शिक्षक की नौकरी पाने वालों की तादाद हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में पाई गई थी। जांच के बाद करीब 34 को बर्खास्त किया जा चुका है। जांच अभी जारी है।
शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी स्कूलों के शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच सीबीआई से कराने का फैसला लिया है। सीबीआई से जांच शुरू कराने के लिए फाइल को मुख्यमंत्री को भेजा जा रहा है। इस जांच के दायरे में शिक्षकों के साथ संबंधित जिलों के अफसरों को भी लिया जाएगा। अपर मुख्य सचिव ने पूर्व के मामलों की समीक्षा करते हुए सभी शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाण पत्रों की सीबीआई जांच कराने का निर्णय लिया है। इस फैसले पर मंजूरी लेने के लिए शिक्षा मंत्री को भेजा गया था। शिक्षा मंत्री ने कहा कि फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विभाग के अफसर भी जिम्मेदार हैं। यदि नियुक्ति के वक्त लापरवाही न बरती जाती तो फर्जी शिक्षक भर्ती ही न हो पाते। उन्होंने कहा है कि जांच में दोषी अफसरों को भी बख्शा नहीं जाएगा।
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