देहरादून मास्टर प्लान 2041 : पब्लिक पार्टिसिपेशन पर एसडीसी फाउंडेशन ने मांगी जानकारी
डीबीएल संवाददाता / देहरादून।
देहरादून ड्राफ्ट मास्टर प्लान 2041 को लेकर एसडीसी फाउंडेशन ने कई सवाल उठाए हैं। एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंसीधर तिवारी को लिखे पत्र में पत्र में पूछा गया है कि करीब 800 लोगों ने ड्राफ्ट मास्टर प्लान पर सुझाव दिये हैं, उन सुझावों का क्या हुआ। फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने इस के अलावा देहरादून से सम्बंधित 10 और बिन्दु भी उठाये हैं और सवाल किया है कि शहर के लिए बेहद महत्वपूर्ण इन मुद्दों पर एमडीडीए और उत्तराखंड सरकार क्या कर रही है।
इस वर्ष अप्रैल 2023 में देहरादून ड्राफ्ट मास्टर प्लान तैयार किया गया था। एमडीडीए ने इसे अपने डोमेन पर जारी करके 30 दिन के भीतर आम लोगों से सुझाव मांगे थे। हालांकि इसके लिए किसी तरह का प्रचार-प्रसार नहीं किया गया।
मास्टर प्लान को लेकर बहुत से सवाल भी उठे थे। मांग की गई थी कि ड्राफ्ट को लेकर आम लोगों तक पहुंचा जाए और सरल भाषा में लोगों को इस ड्राफ्ट के बारे में बताकर उनकी राय ली जाए। लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया। अभी तक करीब 800 लोगों के ड्राफ्ट मास्टर प्लान पर सुझाव आने की बात सामने आयी है । लेकिन लगभग 6 महीने बीतने के बाद भी आम पब्लिक से जुड़ी कोई पब्लिक पार्टिसिपेशन की कार्रवाई या मीटिंग नहीं की गई है।
अनूप नौटियाल ने अपने पत्र में 10 और बिन्दुओं पर फोकस किया है और कहा है कि पर्यावरण की दृष्टि से बेहद संवेदनशील होने के बावजूद देहरादून में बेतहाशा निर्माण हो रहे हैं। शहर लगातार कंक्रीट के जंगल में तब्दील हो रहा है। विकास कार्यों में अदूरदर्शिता बरती जा रही है।
उन्होंने अपने पत्र में पिछले दिनों दून वैली नोटिफिकेशन को लेकर की गई हाईकोर्ट की टिप्पणी का भी जिक्र किया है और मौजूदा खामियों को दूर करने का आग्रह किया है। साथ ही मास्टर प्लान के अनुसार 2041 तक 23.5 लाख से 24.0 लाख की देहरादून की अनुमानित जनसँख्या को शहर की कैरिंग कैपेसिटी से जोड़ने की तरफ ध्यान देने पर ज़ोर दिया है।
पत्र में संभावित भूकंप को लेकर भी सवाल किया गया है। कहा गया है कि देहरादून के राजपुर रोड, सहस्त्रधारा रोड क्षेत्र से फाल्ट लाइन गुजर रही है। इसके बावजूद एमडीडीए लगातर इस क्षेत्र में भी बड़े व्यावायिक और रिहायशी निर्माणों को मंजूरी दे रहा है।
पत्र में इस पर स्थिति स्पष्ट करने के साथ ही स्मार्ट सिटी के लिए पूरे शहर को खोद दिये जाने पर भी चिन्ता जताई गई है। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का जिक्र करते हुए पत्र में कहा गया है कि इससे दून में भीड़ बढ़ेगी, लेकिन शहर में व्यवस्थाएं दुरुस्त न होने के कारण समस्या बढ़ेगी। दून में पब्लिक ट्रांसपोर्ट और प्रस्तावित मेट्रो को लेकर भी पत्र में सवाल उठाये गये हैं।
इसके साथ ही अनूप नौटियाल ने शहर में सफाई, ट्रैफिक, ड्रेनेज, हरियाली, क्लाइमेट जैसी तमाम चुनौतियों का जिक्र किया है और इसके अनुरूप शहर का ढांचागत विकास सुनिश्चित करने की मांग की है।