लिवर ट्रांसप्लांट: मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में ब्लडलेस सर्जरी
मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में ब्लडलेस सर्जरी
डीबीएल संवाददाता / देहरादून।
मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स ने सर्जरी के लिए ब्लडलेस तकनीक का उपयोग करके और सबसे कम समय में अपने मरीजों को अस्पताल से छुट्टी देकर लिवर ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स, फरीदाबाद और गुरुग्राम में 10 मरीजों का लिवर ट्रांसप्लांट किया गया है, साथ ही मैरिंगो सीआईएमएस हॉस्पिटल, अहमदाबाद में भी इसी तकनीक से सफलतापूर्वक 5 लिवर ट्रांसप्लांट किए गए हैं। मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स ग्रुप में लिवर ट्रांसप्लांट एवं एचपीबी सर्जरी के डायरेक्टर, डॉ. पुनित सिंगला और उनकी टीम ने इस असाधारण सर्जिकल प्रक्रिया के लिए वेर्फेन तकनीक का उपयोग किया।
डॉ. पुनीत को इस प्रक्रिया में मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स में लिवर ट्रांसप्लांट एनेस्थीसिया के प्रमुख- डॉ. ऋषभ जैन का सहयोग मिला। मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स ने इस तकनीक की शुरुआत करते हुए न केवल भारत में, बल्कि एशिया में भी सबसे पहले ब्लडलेस ऑर्गन ट्रांसप्लांट, हार्ट ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया को पूरा किया। डॉ. राजीव सिंघल, मैनेजिंग डायरेक्टर एवं ग्रुप सीईओ, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स ने बताया कि वेर्फेन तकनीक के जरिये किए गए लिवर ट्रांसप्लांट की संख्या हमारे लिए बड़े गौरव की बात है। हमारी मेडिकल टीम ने ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत के बिना सर्जरी की तकनीक को सफलतापूर्वक लागू करने में सफलता पाई है।
डॉ. पुनीत सिंगला, डायरेक्टर-लिवर ट्रांसप्लांट प्रोग्राम, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स ने कहा कि लिवर से जुड़ी बीमारियों के अंतिम चरण से जूझ रहे मरीजों के लिए ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत के बिना लिवर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया को पूरा करना, सचमुच गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।