उत्तराखंड के विकास में हंस फाउंडेशन करेगा सहयोग
देहरादून। मुख्यमंत्री आवास में सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व हंस फाउंडेशन के सीईओ ले.ज. (से.नि.) एसएम मेहता ने राज्य के विकास के लिए सरकार व हंस फाउंडेशन की परस्पर साझेदारी पर व्यापक विचार विमर्श किया। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि चीड़ की पत्तियों से कागज बनाने की योजना बनाई जा रही है। इसे मनरेगा से जोड़ा जाएगा। इस प्रकार निर्मित कागज से बने फाईल फोल्डर आदि वस्तुएं राज्य सरकार खरीदेगी। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर ले.ज. मेहता ने हंस फाउंडेशन से सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में खेती को बढ़ावा देते हुए ग्रामीणों की आजीविका के अवसर विकसित करने होंगे। राज्य में जैविक खेती के कन्सेप्ट पर काम करना होगा। इसमें हंस फाउंडेशन जैसे संगठन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग में अनेक ग्रामीणों ने होम स्टे प्रारम्भ किया है। ले.ज. मेहता ने मुख्यमंत्री रावत के अनुरोध पर इन होम स्टे के लिए शौचालय बनाने में फाउंडेशन से सहयोग की बात कही। यह भी तय किया गया कि डोईवाला ब्लॉक में स्कूली बच्चों के लिए भोजन बनाने के लिए ‘‘अक्षय-पात्र’’ प्रारम्भ किया जाएगा। इसके लिए स्थान राज्य सरकार उपलब्ध करवाएगी।
हंस फाउंडेशन द्वारा हल्द्वानी कैंसर अस्पताल के लिए फिजीशियन व ओन्कोलोजिस्ट की आवश्यकता बताए जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि ओन्कोलोजिस्ट की नियमित सेवाएं नहीं मिलती हैं तो दिल्ली से साप्ताहिक आधार पर आन्कोलोजिस्ट विशेषज्ञ की सेवाएं ली जाएं। बैठक में सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा व हंस फाउंडेशन के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
सूबे में 167 करोड़ के प्रोजेक्ट हो रहे संचालित :
हंस फाउंडेशन द्वारा उत्तराखंड में किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए फाउंडेशन के सीईओ ले.ज. (से.नि.) एस.एम.मेहता ने बताया कि हंस फाउंडेशन द्वारा पिंडर घाटी में समन्वित ग्रामीण विकास का कार्यक्रम वर्तमान में 8 गांवों की 50 बस्तियों में चल रहा है। यहां पीने का पानी, बिजली, कृषि आदि गतिविधियां चलाई जा रही हैं। फाउंडेशन द्वारा 12 एम्बुलेंस अपने खर्च पर राज्य सरकार को संचालन के लिए उपलब्ध करवाई गई है। हल्द्वानी कैंसर अस्पताल की खराब मशीनों की मरम्मत करवाई गई है। मेमोग्राफी की जांच के लिए दो मोबाईल वैन की व्यवस्था की गई है। सतपुली में 250 बिस्तरों का अस्पताल व एक नैत्र चिकित्सालय भी संचालित किया जा रहा है। 100 इंजीनियरिंग व मेडिकल छात्रों को छात्रवृत्ति दी जा रही है। प्रदेश के 100 गांवों में ग्रेविटी आधारित पेयजल योजना बनाई जा रही है। इसके बाद 100 और गांवों को इसके अंतर्गत लिया जाएगा। राज्य में हंस फाउंडेशन द्वारा वर्तमान में 167 करोड़ रूपए से अधिक के प्रोजेक्ट संचालित किए जा रहे हैं।
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