संस्कृति एवं संभ्यता

यमुनाघाटी में तिलाड़ी कांड को याद कर सिहर उठते हैं लोग

शांति टम्टा / उत्तरकाशी  
सन् 1930 में 30 मई के दिन तिलाड़ी में तत्कालीन टिहरी नरेश ने दर्जनों लोगों को गोली से इसलिये भून डाला था कि वे अपने हक-हकूको की बहाली के लिए लामबंद थे और वे बिना राजाज्ञा के तिलाड़ी में एक महापंचायत कर रहे थे। बर्बरता की यह घटना आज भी यमुना घाटी के लोगों में सिरहन पैदा कर देती है।
तिलाड़ी कांड में शहीद हुए लोगों का बलिदान आज भी स्थानीय लोगों में प्रेरणा व नई उम्मीद जग देता है। तिलाड़ी काण्ड ने यहाँ के लोगों को बेख़ौफ़ होकर अपने हक़ के लिए आवाज़ उठाना तो सिखाया ही साथ ही क्षेत्र के विकास के लिए मिलकर काम करने की इच्छा शक्ति भी प्रदान की। सन् 1949 के बाद बड़कोट तहसील के अन्तर्गत स्थित तिलाड़ी में हर साल 30 मई को तिलाड़ी काण्ड की याद में शहीद दिवस का आयोजन किया जाता है।

Key Words : Uttarakhand, Tilari Kand, Yamuna Ghati

 

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