विश्व स्पाइन डे – पीठ दर्द के लक्षणों को न करें नज़रअंदाज़ : डॉ. प्रियांक
मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल देहरादून में रीढ़ की हड्डी की देखभाल और समय पर इलाज के महत्व पर किया जागरूक

डीबीएल संवाददाता / देहरादून।
विश्व स्पाइन डे के अवसर पर मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, देहरादून ने रीढ़ की हड्डी की देखभाल और समय पर इलाज के महत्व पर जागरूक किया गया। इस दौरान विशेषज्ञ डॉक्टरों ने पीठ दर्द की समस्या को नजरअंदाज ने करने एवं जीवनशैली में बदलाव पर ध्यान देने की बात कही।
उन्होंने कहा कि कम शारीरिक गतिविधि के कारण, रीढ़ की हड्डी से संबंधित समस्याएं कम उम्र में ही दिखाई देने लगी हैं, जो कामकाजी लोगों के अलावा बच्चों को भी प्रभावित कर रही हैं।
मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, देहरादून, में स्पाइन सर्जरी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. प्रियांक उनियाल, ने कहा कि पीठ दर्द को बुढ़ापे या कामकाजी जीवन का हिस्सा मानकर सामान्य नहीं माना जाना चाहिए। हमारा ध्यान जीवनशैली, शिक्षा और एर्गोनॉमिक्स के माध्यम से शुरुआती वर्षों से ही रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने पर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीठ दर्द के शुरुआती लक्षणों को नज़रअंदाज़ करने से हर्नियेटेड डिस्क, स्कोलियोसिस, ऑस्टियोपोरोसिस या तंत्रिका संपीड़न जैसी गंभीर स्थितियाँ हो सकती हैं, जो दीर्घकालिक विकलांगता का कारण बन सकती हैं। गतिहीनता, सुन्नता या मूत्राशय पर नियंत्रण संबंधी समस्याओं जैसे चेतावनी लक्षणों के लिए तत्काल चिकित्सा जांच की जरूरत होती है।
डॉ. प्रियांक उनियाल ने बताया कि रीढ़ की हड्डी को लचीला और मजबूत बनाए रखने के लिए चलने, स्ट्रेचिंग, योग और व्यायाम के माध्यम से सक्रिय बेहद जरूरी है। बैठने की गलत आदतें रीढ़ की हड्डी में खिंचाव का एक प्रमुख कारण हैं। भारी वजन उठाने से भी रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है।