साइबर क्राइम कंट्रोल के लिए पुलिस जनपद प्रभारियों को दिए टिप्स
देहरादून। पुलिस महानिदेशक अनिल के. रतूड़ी की अध्यक्षता में पुलिस मुख्यालय सभागार में वीडियो कान्फ्रैन्सिंग के माध्यम से साइबर क्राइम सम्बंधी मामलों के कुशल पर्यवेक्षण विषय पर एक बैठक आयोजित की गयी। बैठक में सचिन डाडिया साईबर एक्सपर्ट व निशीत दिक्षित साईबर लॉ लीगल एक्सपर्ट ने अपनी-अपनी प्रस्तुतिकरण के माध्यम से साइबर क्राइम मामलों में बरती जाने वाली सावधानियों के सम्बन्ध में जानकारी दी।
बैठक में डीजीपी अनिल के. रतूड़ी ने कहा कि आज समाज डिजीटलाईजेशन की ओर अग्रसरित है। डिजीटलाईजेशन का दूसरा पहलू साइबर क्राइम है जिससे समाज को हानि भी हो रही है। यह एक बड़ी समस्या बनके हमारे सामने खड़ी है। कानून व्यवस्था स्थापित करने के नाते यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इसके प्रति सजग हो जायें, इसके महत्तव को समझें। जनपद प्रभारियों को निर्देशित करते हुये उन्होने कहा कि ऐसे अपराधों को पंजीकृत किया जाए और इसके लिए व्यवस्था बनाई जाए।
सचिन डाडिया साईबर एक्सपर्ट ने वर्तमान परिदृश्य के साईबर क्राईम जैसे- बैंक फ्रॉड, लॉट्री फ्रॉड, फर्जी कॉल, जॉब फ्रॉड कॉल आदि विषय पर विस्तृत जानकारी देते हुए पुलिस द्वारा विवेचनाओं में इससे सम्बन्धित साक्ष्य संकलन की तकनीक पर विस्तार से बताया।
निशीत दिक्षित साईबर लॉ लीगल एक्सपर्ट ने आईटी एक्ट की धाराओं के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने आईटी एक्ट की अनावश्यक उपयोग न करने तथा परंपरागत आईपीसी का उपयोग करने का सुझाव दिया। साईबर क्राईम से सम्बन्धित साक्ष्यों को संकलित करने का तरीका व उसको विशेषज्ञों तक पहुँचाने के नियम के सम्बन्ध में भी जानकारी दी गयी।
बैठक में वी. विनय कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, अभिसूचना व सुरक्षा, राम सिंह मीना, अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन, दीपम सेठ पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, अमित सिन्हा, पुलिस महानिरीक्षक संचार, अन्नत राम चौहान, पुलिस महानिरीक्षक, सीबीसीआईडी, पुष्पक ज्योति, पुलिस उपमहानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र, रिधिम अग्रवाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ,उत्तराखण्ड, एवं समस्त जनपद प्रभारी एवं सेनानायक सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।