उत्तराखंड

केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों में प्रशासन की कार्रवाही से गुस्सा

रुद्रप्रयाग। वर्षों से केदारनाथ मंदिर पैदल मार्ग पर रोजगार कर रहे व्यापारियों को प्रशासन द्वारा हटाये जाने से तीर्थ पुरोहित समाज में गुस्सा व्याप्त है। तीर्थ पुरोहित समाज का कहना है कि एक ओर सरकार रोजगार देने की बात कर रही है, वहीं जो लोग रोजगार कर भी रहे हैं उन्हें अतिक्रमण के नाम पर हटाया जा रहा है।

दरअसल, केदारनाथ मंदिर पैदल मार्ग पर वर्षों से अस्थाई तौर पर दुकानों का संचालन कर रहे व्यापारियों को प्रशासन ने हटा दिया है। इन दुकानों से ही केदारनाथ मंदिर पैदल मार्ग की शोभा बनी रहती थी और धाम में आने वाले तीर्थयात्रियों को सुविधाएं प्रदान की जाती थी, लेकिन प्रशासन ने अपना डंडा चलाकर जबरन दुकानों को हटा दिया है। प्रशासन की माने तो मंदिर मार्ग पर दुकाने होने से तीर्थ यात्रियों को दिक्कतें हो रही हैं, जबकि पचास फीट चौड़े रास्ते के कारण पैदल मार्ग पर आवाजाही करना काफी आसान हो गया है। मंदिर मार्ग से दुकानों को हटाये जाने से डेढ़ सौ से अधिक व्यापारी बेरोजगार हो गये हैं। बेरोजगार व्यापारियों को तीर्थ पुरोहित समाज का पूर्ण समर्थन मिल रहा है।

तीर्थ पुरोहित समाज का कहना है कि केदारनाथ मंदिर पैदल मार्ग को पचास फीट चौड़ा किया गया है और चौड़े मार्ग का कोई फायदा नहीं है। मार्ग के चौड़े होने का फायदा व्यापारियों को मिलना चाहिए था। धाम के सामने पूजा की दुकाने होनी जरूरी है, मगर शासन-प्रशासन ने दुकानों को हटा दिया है। ऐसा करने से आपदा पीड़ित व्यापारी बेरोजगार हुए हैं। तीर्थ पुरोहित समाज के अध्यक्ष विनोद शुक्ला, कुबेरनाथ पोस्ती, लक्ष्मीनारायण जुगराण ने कहा कि केदारनाथ मंदिर पैदल मार्ग को पचास फीट चौड़ा किया गया है और चौड़े मार्ग का कोई फायदा नहीं है। मार्ग के चौड़े होने का फायदा व्यापारियों को मिलना चाहिए था। धाम के सामने पूजा की दुकाने होनी जरूरी है, मगर शासन-प्रशासन ने दुकानों को हटा दिया है। ऐसा करना से आपदा पीड़ित व्यापारी बेरोजगार हुए हैं।

तीर्थ पुरोहित समाज के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार में व्यापारियों को रोजगार मिला और नयी सरकार ने आपदा पीड़ितों को रोजगार से वंचित कर दिया है। पैदल मार्ग निर्माण के दौरान कहा गया था कि तीस फीट रास्ता बनाया जायेगा और दस-दस फीट पर व्यापारियों को दुकाने खोले जाने की अनुमति दी जायेंगी, लेकिन व्यापारियों से किया गया वायदा झूठा साबित हुआ है। व्यापारी गौरव तिवारी, हिम्मी तिवारी, प्रशांत सेमवाल ने कहा कि केदारनाथ में आई आपदा से पहले ही घाटी की जनता प्रभावित हो चुकी है। किसी तरह व्यापारियों ने छोटा सा रोजगार मंदिर मार्ग पर तैयार किया लेकिन प्रशासन ने मनमाने तरीके से व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की है।

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