पर्यटन: टाइगर की दहाड़ का अहसास कराता है चकराता का टाइगर फॉल
राकेश चौहान /चकराता ।
देवभूमि उत्तराखंड की हरीभरी खूबसूरत वादियों से यूं तो हर कोई वाकिफ है लेकिन प्रदेश के जौनसार बाबर के कुछ पर्यटक स्थल ऐसे भी हैं जहां आकर पर्यटक अलग ही तरह का अनुभव लेकर जाते हैं। चकराता का टाइगर फॉल पर्यटकों के लिए यादगारी अनुभव देने वाला है।
कैसे पहुंचें :
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से महज 100 किमी की दूरी पर बसा है खूबसूरत ब्रिटिश कालीन शहर चकराता। चकराता से करीब 20 किमी की दूरी पर टाइगर फॉल स्थित है। अगर आप ट्रैकिंग या फिर पहाड़ी पगडंडीयों के रास्ते पर पैदल चलने का शौक रखते हैं, तो चकराता से पहाड़ी हरीभरी वादियों और पहाड़ी पैदल मार्ग पर 5 किमी का सफर तय कर यहां पहुंचा जा सकता है। वहीं मोइला टॉप पर भी बुधेर बंगले से करीब दो किलोमीटर की चढ़ाई चढ़कर पर्यटक मोइला टॉप पहुंचा जा सकता है।
देश का दूसरा सबसे ऊंचा झरना है टाइगर फाॅल :
जानकारों के मुताबिक भारत के सबसे ऊंचे झरने कुचितकल (कर्नाटक) के बाद दूसरे नंबर पर टाइगर फॉल चकराता का नाम आता है। दिलचस्प यह कि बहुत ऊंचाई से गिरने वाला यह झरना टाइगर की दहाड़ की तरह आवाज करता है इसी लिए इसका नाम टाइगर फॉल रखा गया है। क्षेत्रीय भाषा मे इस झरने को कैराणा पछाण के नाम से भी पुकारते है। चकराता के इस सबसे ऊंचे जल प्रपात टाइगर फॉल को जाना जाता है।
अन्य स्थल भी हैं आकर्षण का केंद्र :
पर्यटन की दृष्टि से देहरादून के चकराता में यमुना नदी जौनसार के आंगन से होकर आगे बहती है। कालसी में विश्व प्रसिद्ध अशोक का शिलालेख, साहिया की अंधेरी गुफा, टाइगर फॉल, बुधेर गुफा, देवबंद, लाखामंडल, हनोल स्थित महासू देवता मंदिर, गढ़ बैराट, नागथात, चुरानी,आदि मुख्य जगह पर्यटकों के लिए आकर्षण के केंद्र हैं।