सीएम ने किया ‘‘टिहरी राज्य के एतिहासिक जन विद्रोह’’ पुस्तक का लोकार्पण
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने परिपूर्णानन्द पैन्यूली पर केन्द्रित दस्तावेज पर आधारित वरिष्ठ पत्रकार जयसिंह रावत की पुस्तक ‘‘टिहरी राज्य के एतिहासिक जन विद्रोह’’ का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री रावत ने पुस्तक की विषय वस्तु की सराहना करते हुए राज्य के ऐतिहासिक दस्तावेजों के संकलन पर जोर दिया। मुख्यमंत्री रावत ने इस दौरान उत्तराखण्ड को आईआईटी की तर्ज पर प्लास्टिक इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट एवं 100 जनऔषधीय केन्द्रों, की सौगात मिलने पर प्रदेशवासियों को बधाई दी।
मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हॉल में पुस्तक के विमोचन के अवसर पर मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि इतिहास हमको बुद्धिमान बनाता है। हमें इतिहास पढ़ना आवश्यक है। उत्तराखण्ड के दर्द का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का दूरस्त क्षेत्र राज्य निर्माण तक भी विकास से अछूता था। ऐसे-ऐसे गांव भी थे जहां 20, 25 किमी पैदल चलना पड़ता था। उन्होंने कहा कि राज्य में पलायन एक बड़ी समस्या है। पलायन यदि विकास के लिये हो तो अच्छा होता परन्तु राज्य में पलायन समस्याओं के कारण हुआ है। हमें इसे रोकने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि इतिहास पर शोध को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रामाणिक एवं तथ्यात्मक इतिहास पर शोध को बढ़ावा दिया जाना चिहये। इस अवसर पर उन्होंने जयसिंह रावत द्वारा समाचार पत्रों में प्रकाशित लेखों की प्रदर्शनी का अवलोकन करने के साथ ही परिपूर्णानन्द पैन्यूली को अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर प्रसिद्ध लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी, पदम्श्री अवधेश कौशल, पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी, पद्मश्री बसंती बिष्ट आदि ने भी अपने विचार रखे।
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