दैनिक व संविदा कर्मी हड़ताल पर, पालिका के काम ठप
डीबीएल संवाददाता / बड़कोट । बीते चार महीने से वेतन नहीं मिलने से नाराज एवं अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बड़कोट नगर पालिका के सफाई कर्मचारी तथा सभी दैनिक व संविदा कर्मचारी शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से बड़कोट नगर पालिका के सभी कार्य बाधित रहे। वही नगर में कूड़ा नही उठने से जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे रहे।अपने पूर्व तय कार्यक्रम के अनुसार बड़कोट नगर पालिका के समस्त सफाई कर्मचारी एवं संविदा, दैनिक कर्मचारियों ने शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी। सभी कर्मचारियों ने नगरपालिका कार्यालय परिसर में धरना देकर प्रदर्शन किया। हड़ताल पर गए कर्मचारियों ने मांग की है कि उन्हें बीते चार महीने का रुका हुआ वेतन शीघ्र दिया जाए। साथ ही कर्मचारियों ने मांग की है कि नगर पालिका परिषद बड़कोट का विस्तारीकरण किया गया। लिहाजा विस्तारीकरण के अनुरूप पर्यावरण मित्रों की नियुक्ति की जाय, दैनिक एवं संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण किया जाय, पर्यावरण व संविदा कर्मचारियों को बोनस दिये जाने की व्यवस्था की जाय और दैनिक व संविदा कर्मियों का इपीएफ कटौती भी की जाय। कर्मचारियों के सातवें वेतनमान के एरियर भुगतान शीघ्र किया जाय, कार्यालय में कार्यरत कर्मियों का ग्रेड पे नियमानुसार किया जाए तथा पर्यावरण मित्रों को सीएल अवकाश भी दिया जाय।नगर विकास महासंघ बड़कोट शाखा अध्यक्ष एवं पर्यावरण मित्र अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार व सचिव घमंडी लाल ने कहा है कि नगर पालिका कर्मचारी को बीते मार्च महीने से अभी तक चार महीने बीत जाने पर भी उन्हें वेतन नहीं मिला है। वेतन नहीं मिल पाने से कर्मचारियों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है। साथ ही कहा कि बड़कोट नगर पालिका का सीमा विस्तार किया गया है। लेकिन, सीमा विस्तार के अनुरुप कर्मियों की भर्ती नहीं की जा रही है, जिस कारण कम सफाई कर्मचारी होने के कारण उन्हें भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा है कि उनकी मांगे पूरी नही होने पर हड़ताल जारी रखेंगे है।इस मामले में नगर पालिका अध्यक्ष अनुपमा रावत का कहना है कि सभी कर्मचारियों की वेतन तैयार हैं, पहले तकनीकी कमियों के कारण कर्मचारियों की वेतन नहीं निकल पाई थी और आजकल ईओ छुट्टी पर हैं। दो-तीन दिनों में कर्मचारियों के खातों में वेतन पड़ जाएगा। कर्मचारियों के नियमितीकरण का मामला अभी न्यायालय में विचाराधीन है तथा सातवें वेतनमान के एरियर भुगतान को तैयार करने के लिए संबंधित लिपिक को उनके द्वारा पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं। जबकि कर्मचारियों की अन्य मांगों पर विचार किया जा रहा है।