बर्फबारी से गंगोत्री, यमुनोत्री हाईवे सहित कई ग्रामीण सड़कें बंद
उत्तरकाशी में गत दो दिन से हो रही बारिश और बर्फबारी से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। बर्फबारी के चलते गंगोत्री, यमुनोत्री हाईवे व उत्तरकाशी-लम्बगांव मोटर मार्ग समेत एक दर्जन से अधिक मोटर मार्ग बंद हो गए हैं। इसके चलते लोगों को जन जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
जिले में गत सोमवार दोपहर से बारिश व बर्फबारी का सिलसिला जारी है। निरंतर हो रही बारिश व बर्फबारी के कारण एक हजार फीट तक की ऊंचाई पर बसे गांव बर्फ से ढक गए हैं। बर्फबारी के चलते गंगोत्री हाईवे गंगनानी, सुक्की टॉप, हर्षिल, धराली से गंगोत्री तक जगह-जगह बंद है। जबकि यमुनोत्री हाईवे राड़ी टॉप, गिनोटी, ओरछा बैंड के साथ ही फूलचट्टी से जानकी चट्टी में तथा उत्तरकाशी-लम्बगांव श्रीनगर मोटर मार्ग मायाली व चौरंगीखाल के पास बंद है। जिससे वाहनों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है। इसके साथ ही हर्षिल-मुखबा, जसपुर-पुराली तथा कमद-अंयारखाल, कुवां-कफनौल, सहित मोरी क्षेत्र के नैटवाड़-सांकरी-जखोल, आदि जिलेभर के करीब आधे दर्जन से अधिक मोटर मार्ग बर्फबारी के कारण बंद हो गए हैं। जिसके कारण लोगों का घर से बाहर निकलना दूभर हो गया है।
मोरी के दो दर्जन की आवाजाही बर्फबारी से प्रभावित
सीमांत ब्लॉक मोरी में बारिश व बर्फबारी का सिलसिला जारी है। बर्फबारी के कारण ब्लॉक के बरी, सेवा, हडवाडी, मसरी, भितरी, खन्ना, लिवाडी, कासला, रेकचा, फिताडी, ओसला, पंवाणी, गंगाड, ढाटमीर सहित पार्क क्षेत्र के लगभग 2 दर्ज से अधिक गांव पूरी तहर बर्फ के आगोश में हैं। निंरतर हो रही बर्फबारी के कारण गांव संपर्क मार्ग पूरी तरह बंद हो गए हैं। जिससे स्थानीय ग्रामीणों का संपर्क तहसील मुख्यालय से पूरी तरह कट गया है।
बर्फबारी के कारण पेयजल व विद्युत आपूर्ति ठप
जनपद में गत सोमवार से हो रही बारिश व बर्फबारी के कारण लोगों का जनजीवन पूर तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। भटवाड़ी ब्लॉक के उपला टकनौर क्षेत्र के हर्षिल, मुखबा, धराली, बगोरी, सुक्की, झाला, जसपुर सहित मोरी के बरी, सेवा, दोणी, भितरी, ओसला, गंगाड़, ढाटमीर, रेक्चा, कासला, लिवाड़ी सहित क्षेत्र के 16 गांव, नौगांव ब्लॉक के आठ गांव तथा पुरोला के 03 गांव में विद्युत व पेयजल आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है।
क्या कहते हैं ग्रामीण –
मोरी क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य हाकमसिंह रावत व स्थानीय निवासी रणदेव सिंह कुंवर, रोजी सिंह सोदाण,उमराव सिंह चौहान,आदि ने बताया कि भारी हिमपात से विद्युत लाइनें टूट जाने से विद्युत सप्लाई बंद हो गई है। कहा कि जिन गांवों में सोलर लाइटें हैं वे लगातार हिमपात होने से चार्ज नहीं हो पाती हैं। पहले सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में रोशनी/उजाले के लिए प्रति परिवार को मिट्टी का तेल दिया जाता था। जिससे लोग सर्द रातें अपने घरों में हिमपात के बीच काटते थे। गत एक दो साल से सरकार ने मिट्टी का तेल बन्द कर दिया है। जिसके बन्द होने से अब लोग अंधेरे में रहने को मजबूर है।