उत्तराखंड के समावेशी विकास को ’मंथन 2025’ में साझा किए विचार

राज्य गठन के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में उमा इंटरटेनमेंट एंड एवरजाइजिंग के तत्वावधान में राजधानी देहरादून के एक में “मंथन 2025: Emerging Uttarakhand” कार्यशाला का आयोजन किया गया। आयोजन में मंत्रीगण, वरिष्ठ नौकरशाह, सैन्य अधिकारी, चिकित्सक, उद्योग जगत के प्रतिनिधि, युवा उद्यमी और मीडिया विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए।
सम्मेलन का उद्घाटन वन एवं पर्यावरण मंत्री सुबोध उनियाल, स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम की मुख्य आयोजक संस्था उमा इंटरटेनमेंट एंड एवरजाइजिंग की मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्वाती रावल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।
वन एवं पर्यावरण मंत्री सुबोध उनियाल ने अपने उद्घाटन भाषण में प्रदेश के 71 फीसदी भू-भाग के वन क्षेत्र होने की बात कहते हुए कहा कि उत्तराखंड को विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन कायम रखना होगा। उन्होंने बताया कि राज्य में 62 ईको-टूरिज्म स्थलों की पहचान की गई है, जहां दो लाख युवाओं को रोजगार देने की योजना बनाई गई है। यह मॉडल प्रकृति के साथ सामंजस्य में आजीविका के अवसर उत्पन्न करेगा। कहा कि हर्बल मिशन के तहत 628 वन पंचायतों को औषधीय पौधों की खेती के लिए जोड़ा गया है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बीते 25 वर्षों में उत्तराखंड के स्वास्थ्य क्षेत्र में हुए बदलावों को रेखांकित करते हुए कहा कि राज्य ने सीमित संसाधनों से शुरुआत कर आज एक मजबूत और समावेशी स्वास्थ्य ढांचा खड़ा किया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 12,000 आशा कार्यकर्ता, 2,500 सरकारी डॉक्टर, 4,000 नर्सें 1,200 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी सेवाएं दे रहे हैं। डॉ. आर. राजेश कुमार ने रुद्रप्रयाग जिले का उदाहरण देते हुए बताया कि वहाँ आशा कार्यकर्ताओं के अथक प्रयासों से प्रसव के दौरान शून्य मातृ मृत्यु की रिपोर्ट उन्हें प्राप्त हुई है जो राज्य की मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धि है।
उमा इंटरटेनमेंट एंड एवरजाइजिंग की मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्वाती रावल ने कहा कि उत्तराखंड सरकार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दूरदर्शी नेतृत्व और स्पष्ट दिशा-निर्देशों में प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए उल्लेखनीय कार्य कर रही है। उन्होंने कहा उत्तराखंड सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं, अब एक संभावनाओं से भरा हुआ उद्यमशील राज्य बनकर उभर रहा है, और इसका श्रेय सरकार की सक्रिय नीतियों को जाता है ।

राज्य के विकास के 06 प्रमुख स्तंभों पर आयोजित हुए सत्र :
उद्घाटन के बाद, सम्मेलन में राज्य के विकास के छह प्रमुख स्तंभों पर आधारित सत्र आयोजित हुए। आर्थिक विकास एवं हरित अधोसंरचना, शहरी विकास, स्मार्ट फार्मिंग, मल्टीलेवल पार्क और हरित संरचना पर चर्चा हुई।