जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर बहाल हुई जसोदा राणा, समर्थकों में खुशी की लहर
उत्तरकाशी /डीबीएल संवाददाता जिला पंचायत उत्तरकाशी में अध्यक्ष पद को लेकर लंबे समय से चली आ रही खींचतान खत्म हो गई है। जिला पंचायत वार्ड में जशोदा राणा का नाम पुनर्स्थापित किए जाने के बाद शासन ने जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर जशोदा राणा को बहाल कर दिया है।
बीते वर्ष जिला पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा ने निकाय चुनाव के दौरान बड़कोट पालिका अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने के लिए जिला पंचायत वार्ड के कंसेरू गांव से अपना नाम कटवाकर बड़कोट नगर की सूची में नाम दर्ज करवाने का आवेदन किया था। इस बीच उनका नाम देहरादून नगर निगम की मतदान सूची में दर्ज पाए जाने पर बड़कोट में नहीं लिखा जा सका, जिससे जशोदा राणा चुनाव नहीं लड़ पाई। इसी बीच उनके राजनीतिक विरोधियों ने वार्ड की मतदान सूची में नाम दर्ज नहीं होने के आधार पर उनकी जिला पंचायत सदस्य और अध्यक्ष बने रहने पर सवाल खड़े किए थे ।
हाईकोर्ट ने सदस्यता रद होने पर अध्यक्ष को उनके पद से हटाने के आदेश दिए। इस मामले में हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गुहार लगाने के बावजूद जशोदा को रहत नहीं मिली। 23 अप्रैल को जशोदा राणा का नाम कंसेरू गांव में फिर से पुनर्स्थापित किया गया। लेकिन, शासन ने 10 मई को जिला पंचायत अध्यक्ष के कार्यभार तीन सदस्यीय समिति को सौंपा। लेकिन, इस समिति के खिलाफ जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रकाश रमोला ने हाईकोर्ट में रिट दायर की। साथ ही जशोदा राणा ने भी हाईकोर्ट में रिट दायर करते हुए कहा कि जब उनका नाम 23 अप्रैल को पुनस्र्थापित किया गया है तो उनकी सदस्यता बहाल की जाए।
11 जून को हाईकोर्ट ने दोनों रिटों पर सुनवाई की, जिसमें जिपं उपाध्यक्ष को 24 घंटे के अंतराल में वित्तीय व नीतिगत मामलों को छोड़कर जिपं अध्यक्ष का कार्यभार देने के आदेश दिए। साथ जशोदा राणा के प्रत्यावेदन के मामले में दो सप्ताह के अंतराल में निर्णय लेने के आदेश दिए।
बीते मंगलवार की शाम को जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रकाशचंद रमोला ने अध्यक्ष का कार्यभार ग्रहण किया। लेकिन, बुधवार को पंचायती राज निदेशक हरिचंद्र सेमवाल ने उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर जशोदा राणा को बहाल करने का आदेश जारी किया। अपने आदेश में पंचायती राज निदेशक ने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि जिला पंचायत अध्यक्ष उत्तरकाशी के अवशेष कार्यकाल कार्यभार जशोदा राणा को ग्रहण करवाएं। उनकी बहाली से समर्थकों में खुशी की लहर हैं।
जिला पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा ने कहा कि सच्चाई की जीत हुई है। मेरे पर कोई भ्रष्टाचार के आरोप नहीं थे। न्यायालय पर पूरा भरोसा था, इसी कारण उन्हें न्याय मिला है। विरोधियों से सिर्फ इतना ही कहना चाहूंगी की नारी को कमजोर मत समझना। नारी शक्ति का अपमान नहीं बल्कि सम्मान करें। तभी बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ का कथन भी सार्थक होगा।