शीतकाल के लिए बंद हुए चतुर्थ केदार रुद्रनाथ के कपाट

गोपेश्वर। पंच केदारों में एक चतुर्थ केदार भगवान रुद्रनाथ के कपाट शीतकाल के लिए विधि विधान और मंत्रोच्चार के साथ बंद कर दिए गए हैं। मंदिर के कपाट बंद होने के साथ ही उत्सव डोली रूद्रनाथ से गोपेश्वर के लिए रवाना हो गई है।
चमोली जिले में समुद्रतल से 2286 मीटर की ऊंचाई पर स्थित रुद्रनाथ धाम भगवान शिव के परम धामों में से एक है। ग्रीष्मकाल के दौरान छह माह तक रुद्रनाथ के कपाट खुले रहते हैं, जबकि शीतकाल में बाबा गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर में दर्शन देते हैं। रुद्रनाथ मंदिर के पुजारी हरीश भट्ट ने बताया कि बुधवार को शीतकाल के लिए धाम के कपाट विधि विधान से बंद कर दिए हैं। इसके लिए धाम की फूलों से सजावट की गई थी। रुद्रनाथ धाम का पंचकेदारों में चैथा स्थान है। हालांकि, यात्री सुविधाओं के अभाव यहां कम ही यात्री पहुंच पाते हैं, बावजूद इस यात्रा सीजन में यह संख्या दस हजार से अधिक रही।
महादेव महिष के पृष्ठभाग के रूप में केदारनाथ में विद्यमान हैं, जबकि उनका अगला हिस्सा, जो धरती में समा गया था, नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर में प्रकट हुआ। इसके अलावा भुजा तुंगनाथ, मुख रुद्रनाथ, नाभि मध्यमेश्वर और जटाएं कल्पेश्वर धाम में प्रकट हुईं। इसलिए इन पांचों धामों को पंचकेदार कहा गया है।