उत्तराखंड

कवि समाज के पथ प्रदर्शक – सीएम धामी

राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर भाषा विभाग के तत्वावधान में आयोजित हुआ कवि सम्मेलन

डीबीएल संवाददाता / देहरादून।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कविता को आत्मा की अभिव्यक्ति तथा दिल से निकली आवाज बताते हुए कहा कि जिसका दिल साफ होगा मन में दया होगी, पीड़ा होगी, वही कविता लिख सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य स्थापना के बाद पहली बार भाषा विभाग द्वारा सर्वभाषा कवि सम्मेलन का आयोजन सराहनीय पहल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कवि समाज के पथ प्रदर्शक होते हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य आन्दोलनकारियों को नमन करते हुए सभी को राज्य स्थापना की भी बधाई दी।

मुख्यमंत्री धामी ने मंगलवार को सायं आईआरडीटी सभागार में राज्य स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर भाषा विभाग द्वारा आयोजित सर्वभाषा कवि सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि पिछले 22 सालों में उत्तराखण्ड विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ा है। राज्य के विकास की हम सबकी यह सामूहिक यात्रा है।

भाषा मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि हमारा प्रदेश बहुभाषी, बहुधर्मी एवं बहु संस्कृतियों वाला प्रदेश है। राज्य की भाषा एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये भाषा विभाग द्वारा पहली बार यह पहल की है। इस आयोजन को भविष्य में और अधिक प्रभावी बनाये जाने का प्रयास किया जाएगा।

इस अवसर पर बुद्धिनाथ मिश्र, अतुल शर्मा, अफजल मगलोरी, अम्बर खरबन्दा प्रेम साहिल, नीता कुकरेती, बीना बेंजवाल, श्रुति वत्स, बसन्ती मठपाल आदि कवियों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं। निदेशक भाषा संस्थान स्वाति भदोरिया ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button