संस्कृति एवं संभ्यता

संस्कृति एवं सभ्यता को संजोना तिब्बती समुदाय से सीखिए !

पंकज भार्गव

संस्कृति और सभ्यता आदम जात की परिचायक रही है। पूर्वजों की बनाई रीति और नियमों को भावी पीढ़ी तक पहुंचाना उन्हें अपनी संस्कृति से जोड़े रखना आज के एडवांस समय में एक चुनौतीपूर्ण काम है। वहीं दूसरी ओर हमारे देश में बतौर शरणार्थी रह रहे तिब्बती समुदाय के लोग इस दिशा में अपनी भाई पीढ़ी को संस्कारों और अपनी पुरानी विरासत से जोड़े रखने के लिए काबिलेतारीफ भूमिका भी निभा रहे हैं।

   

दून के सहस्त्रधारा रोड स्थित तिब्बती कॉलोनी में सप्ताह में एक दिन तिब्बती समुदाय के हर उम्र के लोग अपनी संस्कृति को जीवित रखने के लिए पारंपरिक परिधान पहनकर नृत्य करते हैं। इस आयोजन में बुजुर्ग, महिलायें और बच्चों का जोश देखने लायक होता है। शारीरिक सक्रियता के अलावा एक दूसरे की कुशलक्षेम जानने का यह दर्शन अनुकरणीय है।

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