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राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान : मंत्रिमंडल ने योजना को दी मंजूरी

पीआईबी नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने पुनर्गठितकेंद्र प्रायोजित योजना राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) को स्वीकृति दे दी है। इस योजना का विस्तार देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में किया जाएगा और इसमें गैर-भाग में जहां पंचायतें नहीं हैं,ग्रामीण स्थानीय सरकार के संस्थान शामिल होंगे।

गौरतलब है कि वित्त मंत्री ने 2016-17 के अपने बजट भाषण में सतत विकास लक्ष्यों पर कार्य करने के लिए पंचायती राज संस्थानों की शासन क्षमता विकिसत करने के लिए पुनर्गठित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) योजना की घोषणा की थी। मंत्रालय की वर्तमान योजना को राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के रूप में नया रूप देने के लिए नीति आयोग के उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई थी।

आरजीएसए योजना में केंद्र और राज्य दोनों के घटक होंगे। केंद्रीय घटक में ‘तकनीकी सहायता के लिए राष्ट्रीय योजना ई-पंचायत परमिशन मोड परियोजना और पंचायतों के प्रोत्साहन सहित राष्ट्रीय स्तर की गतिविधियां होंगी तथा राज्य घटक में पंचायती राज्य संस्थानों काक्षमता सृजन होगा।

केंद्रीय घटक का वित्त पोषण पूरी तरह भारत सरकार करेगी लेकिन राज्य घटक के लिए केंद्र : राज्य धन पोषण व्यवस्था सभी राज्यों के लिए 60 : 40 होगी। पूर्वोत्तर तथा पवर्तीय राज्यों में केंद्र राज्य वित्त पोषण का अनुपात 90ः10 होगा। सभी केंद्र शासित प्रदेशों (विधानमंडल सहित और बिना विधानमंडल के) के लिए केंद्रीय हिस्सेदारी 100 फीसदी होगी।
सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए योजना के क्रियान्वयन और निगरानी गतिविधयों को सामान्य रूप से आपस में जोड़ा जाएगा और मुख्य बल मिशन अंत्योदय के अंतर्गत चिन्हित पंचायतों और नीति आयोग द्वारा चिंन्हित 115 आकांक्षी जिलों पर होगा।

आरएसजीए की समाप्ति की तिथि 31 मार्च 2030 निर्धारित की गई है।

रणनीति और लक्ष्यों का कार्यान्वयन :

केंद्र सरकार और राज्य सरकारें अपनी-अपनी भूमिकाओं के लिए स्वीकृत गतिविधियों को लागू और पूरा करने के लिए कदम उठाएंगी। राज्य सरकार अपनी प्राथमिकताओं और आवश्यकता के अनुसार केंद्रीय सहायता के लिए अपना वार्षिक कार्ययोजना तैयार करेगी। यह योजना मांग प्रेरित रूप में लागू की जाएगी।

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