
देहरादून में निजी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे बच्चों के अभिभावक किसी भी दुकान से बच्चों की किताबें व ड्रेस खरीद सकते हैं। निजी स्कूलों की मनमानी फीस बढ़ाने, किसी एक चिन्हित दुकान से कॉपी-किताब व ड्रेस खरीदने का दबाव बनाने की शिकायतों को लेकर जिला प्रशासन ने सख्त रूख इख्तियार किया है। जिला प्रशासन की कोर टीम स्कूल में इन सभी प्रकरणों की छानबीन में जुटी है। जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देशों पर स्कूल संचालकों द्वारा नियमों का पालन और शिकायतों का समाधान न करने पर ऐसे स्कूलों की मान्यता निरस्त की जा सकती है।
शिकायत मिलने पर मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने शुक्रवार को सेंट जोसेफ, पायनियर, संत कबीर एकेडमी, फ्लावर डेल और माउंट लिट्रा स्कूल संचालकों को समीक्षा के लिए बुलाया। फ्लावर डेल और माउंट लिट्रा स्कूल द्वारा बैठक में प्रतिभाग न करने पर दोनों स्कूलों को नोटिस जारी किया गया। जबकि संत कबीर स्कूल से सक्षम अधिकारी नहीं भेजे जाने पर 15 अप्रैल को स्कूल प्रिंसिपल को तलब किया गया है।
मुख्य विकास अधिकारी ने निजी स्कूल संचालकों को सख्त हिदायत देते हुए निर्देशित किया कि स्कूल फीस के लिए आरटीई एक्ट और प्रोविजन के अनुसार तीन वर्षाे में अधिकतम 10 प्रतिशत तक ही फीस बढ़ाई जा सकती है। स्कूल संचालक किसी भी दशा में अभिभावक और बच्चों को किसी एक निश्चित दुकान से किताबें और ड्रेस खरीदने के लिए बाध्य न करें।
बैठक में मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार ढौंडियाल, जिला शिक्षा अधिकारी भुवनेश्वर प्रसाद एवं निजी स्कूलों के संचालन मौजूद थे।