उत्तराखंड

… अब गांव तक सिमटी पहाड़ की खेती !

फोटो -: पंकज भार्गव, ग्राम-: खणी, कालसी ब्लाॅक, देहरादून। (उत्तराखंड)

एक जमाना था जब पहाड़ के गांवों में खेतीबाड़ी ही आयसृजन और पेट की भूख शांत करने का जरिया हुआ करती थी। दूर-दूर तक पसरे सीढ़ीनुमा खेतों के अवशेष इस बात के गवाह हैं। मगर पलायन के दंश और पूरी तरह से बारिश पर निर्भर पहाड़ की खेती अब केवल गांव के नजदीक तक ही सिमट कर रह गई है। गांव में बचे खुचे लोग आज भी खुद के बलबूते पर खेतीबाड़ी की अपनी परंपरा को जीवित रखने के लिए प्रयासरत हैं।

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