रायपुर ब्लॉक के गांवों को नगर निगम में शामिल किए जाने के प्रस्ताव का विरोध

देहरादून। नगर निगम देहरादून के विस्तारीकरण परियोजना के तहत रायपुर ब्लॉक की कुछ पंचायतों को शामिल किए जाने के प्रस्ताव के विरोध में रायपुर व सहस्त्रधारा रोड के गांवों के पंचायत प्रतिनिधियों ने कड़ा विरोध जताया है। नगर निगम प्रांगण में धरना व विरोध जताने पहुंचे पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने कहा कि ग्राम पंचायतें जनजीवन का अभिन्न अंग हैं। इस व्यवस्था की सफलता देश की उन्नति से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने मांग उठाई है कि यह प्रस्ताव निरस्त किया जाना चाहिए।
मंगलवार को नगर निगम प्रांगण में रायपुर ब्लॉक के कुछ गांवों को नगर निगम में शामिल किए जाने के प्रस्ताव का विरोध करने पहुंची क्षेत्र पंचायत प्रमुख, रायपुर बीना बहुगुणा ने कहा कि ब्लॉक का मुख्यालय इसी क्षेत्र में है। इन गांवों में खेती, पशुपालन व बागवानी के साथ यह क्षेत्र वनों की हरियाली से युक्त है। ब्लॉक का यह क्षेत्र नालों, खालों व खेत-खलियानों से आच्छादित है। आज भी यहां के ग्रामीणों की आजीविका कृषि कार्यों पर ही आधारित है और वे गांव के मूल स्वरूप को संजोये हुए हैं।
डांडा लखौंड के प्रधान अभिषेक पंत ने कहा कि नगर निगम की सीमा में रायपुर ब्लॉक के गांवों को शामिल किया जाना इस लिए भी न्यायसंगत नहीं है क्योंकि सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के संचालन सहित सार्वजनिक राशन वितरण आदि के लाभार्थियों का चयन पंचायत की खुली बैठकों में ही होता है जिससे हर योजना का लाभ सर्वाधिक पात्र व्यक्ति को मिल पाना संभव हो पाता है। उन्होंने कहा कि गांव के छोटे-छोटे विवादों को भी प्रधान व पंचों की मध्यस्था से आसानी से निपटा लिया जाता है।
पंचायत प्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने प्रदेश के शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक को पत्र लिखकर नगर निगम देहरादून में रायपुर ब्लॉक के गांवों को शामिल किए जाने के प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग की है।
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