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विकास के लक्ष्य को हासिल करने में सहकारी समितियों का योगदान महत्वपूर्ण : डाॅ रावत

"सहकार से समृद्धि" विषयक सेमिनार का आयोजन

डीबीएल संवाददाता / देहरादून।

उत्तराखंड में सहकारी आंदोलन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय लागत लेखांकन संस्थान (ICMAI), नई दिल्ली, राष्ट्रीय सहकारी प्रशिक्षण परिषद (NCCT), नई दिल्ली और सहकारी प्रबंधन संस्थान (ICM) के संयुक्त तत्वावधान में सेमिनार आयोजित किया गया । इस अवसर पर आईसीएमएआर सहकारिता मंत्री डॉ रावत ने नॉलेज पैक का उद्घाटन किया।

शनिवार को “सहकार से समृद्धि” विषयक सेमिनार का उद्घाटन उत्तराखंड सहकारी संघ के सभागार में सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने किया। अपने उद्घाटन भाषण में डॉ. रावत ने राज्य में सतत और समावेशी विकास हासिल करने में सहकारी समितियों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में सहकारी समितियों की भूमिका पर प्रकाश डाला।

सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि, भारत में को-ऑपरेटिव सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है। 2017 में पैक्स से एमपैक्स बनाई है। एमपैक्स का कम्प्यूटराइजेशन किया।मिलेट्स मिशन को बढ़ाया। 2017 में मंडुवा 20 रुपये था, पौड़ी में अब 40 रुपये मंडुवा है। उन्होंने समितियों का ऑडिट होना अनिवार्य कराया। 3200 करोड़ रुपये केंद्र सरकार से सहकारिता उत्तराखंड को लाये। किसानों की आमदनी दोगुनी के लिए 2% ब्याज पर 1 लाख 30 हज़ार लोगों को ऋण दिया। 99% किसानो ने एनपीए नहीं होने दिया। फिर हमने शून्य प्रतिशत ब्याज की योजना शुरू की।

सहकारी बैंकों, एमपैक्स द्वारा 31 जनवरी 2024 तक साढ़े पांच हज़ार करोड़ का करीब 9 लाख किसानों को शून्य ब्याज पर ऋण दिया गया है। जिससे किसानों की आमदनी दोगुनी हुई है। एक लाख लखपति दीदी हो गई है। 4 लाख लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य है।

इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएमएआई) के अध्यक्ष नवनीत कुमार जैन ने कहा कि देश की प्रगति में सहकारी समितियों की आवश्यक भूमिका के संबंध में  कि जिस तरह कॉरपोरेट संस्थाओं के पास महत्वपूर्ण शक्ति है, उसी तरह सहकारी समितियों को भी उसी स्तर का प्रभाव और मान्यता दी जानी चाहिए।

कार्यक्रम ने नेटवर्किंग, सीखने और सहयोग के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य किया। निबन्धक सहकारिता आलोक कुमार पांडेय, अपर निबन्धक ईरा उप्रेती, आनंद शुक्ल, नीरज बेलवाल , एमपी त्रिपाठी , नवनीत कुमार जैन, चितरंजन, आर गोपाल स्वामी , एसएन मित्तल, एके तिवारी, सभी जिलों के बैंकों के जीएम और एआर शामिल रहे।

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