अवैध मांस की दुकानों पर अंकुश को दून में कार्यशाला आयोजित
देहरादून। भारतीय पशु संरक्षण संगठन संघ (एफआईएपीओ)की अगुवाई में आयोजित कार्यशाला में अवैध रूप से संचालित की जा रहीं मांस की दुकानों पर अंकुश लगाए जाने को लेकर मंथन किया गया। एफआईएपीओ की निदेशक वर्धा मेहरोत्रा ने कहा कि दून शहर में अवैध वध के मुद्दों को हल करने की बुनियादी शुरुआत हो चुकी है। अवैध मांस की दुकानों के खिलाफ मिली शिकायत को दूर करने में स्थानीय नगर निगम, खाद्य व सुरक्षा विभाग की मदद ली जाएगी और मुहिम के लक्ष्य को साकार किया जाएगा।
मंगलवार को दून के एक होटल में मांस की दुकानों व बूचड़खानों में अवैध तरीके से बेचे जा रहे मांस पर अंकुश लगाये जाने को लेकर “अवैध वध बंद करो’’ विषय पर चर्चा की गई। कार्यशाला में मौजूद एफआईएपीओ कार्यकर्ताओं और दून के नागरिकों ने अवैध बूचड़खानों की गतिविधिओ पर अंकुश लगाने हेतु शासन द्वारा बनाये गए कानून व प्रशिक्षण पर चर्चा का आयोजन भी किया।
एफआईएपीओ की निदेशक वर्धा मेहरोत्रा ने कहा कि देश में वर्तमान नियमों के तहत, मान्यता प्राप्त या लाइसेंस प्राप्त बूचड़खानों को छोड़कर किसी भी तरह जानवरों को कत्ल नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बूचड़ खानों के नियम 2001 के तहत पशुधन अधिनियम 1960, खाद्य सुरक्षा और मानक विनियमन 2010, बीआईएस मानकों, प्रदूषण नियंत्रण मानदंडों और पंजीकरण के लिए नगरपालिका नियमों को स्थानीय दुकानों द्वारा उल्लंघन किया जाना दंडनीय अपराध है।