26 जुलाई, शौर्य दिवस : जवानों के पराक्रम से सरहदें सुरक्षित – मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र
देहरादून। शौर्य दिवस के अवसर पर दून के गांधी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कारगिल शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर कारगिल शहीदों को नमन किया। मुख्यमंत्री ने वीर जवानों की शहादत को सलाम करते हुए कहा कि जब भी देश को जरूरत हुई मातृभूमि की रक्षा के लिए हमारे जवान अपना सर्वस्व अर्पण करने के लिए तैयार रहे हैं। सेना के जवानों के, शौर्य व पराक्रम से ही आज हमारी सरहदें सुरक्षित हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कारगिल का युद्ध विषम परिस्थितियों में लड़ा गया था। फिर भी हमारे जवानों ने सेना ने अप्रतिम साहस व बुद्धिमत्ता का परिचय देते हुए दुश्मनों को बाहर खदेड़ा। कारगिल के युद्ध में हमने अपने जवानों के रक्त के एक-एक कतरे का बदला दुश्मनों से लिया। कारगिल का युद्ध हमारी सेना के पराक्रम के लिए हमेशा जाना जाएगा। कारगिल का युद्ध ऐसा युद्ध था जब हमारे जवानों ने अपनी भूमि की रक्षा की।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सैनिकों, पूर्व सैनिकों, वीर नारियों व शहीद सैनिकों के परिवारजनों का राज्य सरकार सम्मान करती है। प्रत्येक जिले में सैनिकों, पूर्व सैनिकों व उनके परिवारजनों की समस्याओं के निस्तारण के लिए एडीएम को नोडल अधिकारी नामित किया गया है। सैनिक छुट्टी लेकर जब घर आते हैं तो उनके अपने काम भी होते हैं जो कि उन्हें निपटाने होते हैं। इसलिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि सैनिकों की शिकायतों व समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को शौर्य दिवस पर स्कूलों में छात्र-छात्राओं को कारगिल की लड़ाई व हमारे सैनिकों के पराक्रम के बारे में बताया जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने शहीद सैनिकों के परिवार में से एक व्यक्ति को राज्य सरकार द्वारा नौकरी दिए जाने की घोषणा भी की। उन्होंने बताया कि सहस्त्रधारा रोड़ स्थित डांडा लखौण्ड में वार मेमोरियल बॉयज एंड गर्ल्स हॉस्टल बनाया गया गया है। इसके लिए सरकार ने भूमि आर्थिक सहयोग प्रदान किया है। कार्यक्रम में पदक विजेता सैन्य अधिकारियों, सैनिकों, शहीद सैनिकों के परिवारजनों, वीर नारियों को सम्मानित भी किया गया।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक हरबंस कपूर, गणेश जोशी, खजान दास, उमेश शर्मा, ब्रिगेडियर केजी बहल, जनरल ओपी कौशिक, सहित वरिष्ठ सैन्य अधिकारी एवं सैनिकों के परिजन मौजूद थे।