जल जीवन मिशन: क्यारकुली भट्टा के हर घर में 24 घंटे आता है शु़द्ध पानी
पंकज भार्गव / देहरादून।
उत्तराखंड राज्य में जल जीवन मिशन योजना के तहत मसूरी के क्यारकुली भट्टा गांव के हर घर और हर नल में 24 घंटे शुद्ध पेयजल की उपलब्धता जेजेएम योजना के मिसाल के तौर पर देखी जा सकती है। वर्चुवल तौर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इस उपलब्धता के लिए क्यारकुली की ग्राम प्रधान कौशल्या रावत और ग्रामवासियों को अपनी शुभकामनायें दे चुके हैं।
शुरूआती दौर में रही लक्ष्यों को लेकर नकारात्मक सोच :
क्यारकुली भट्टा गांव की ग्राम प्रधान कौशल्या रावत का कहना है कि शुरूआती दौर में कुछ गांववासियों की सोच जल जीवन मिशन योजना के लक्ष्यों को लेकर नकारात्मक थी। उनका कहना था कि स्थानीय श्रोत के माध्यम से हर घर में नल लगाकर पेयजल की उपलब्धता संभव हो ही नहीं सकती। मगर जेजेएम की रणनीति के तहत किये गये कार्यों से आज गांव के हर घर के नल में पेयजल मौजूद है।
अब टुल्लूपंप की आवाज सुनाई नहीं देती :
गांव की सावित्री रावत का कहना है कि पहले गांव के कुछ लोगों ने अपने घर में पानी के लिए टुल्लूपंप लगाये हुए थे जिसके चलते निचले हिस्सों में रहने वाले लोगों को जरूरत का पानी भी नसीब नहीं हो पाता था। मगर जल जीवन मिशन परियोजना के आने के बाद अब गांव टुल्लू पंप की आवाज सुनाई नहीं देती है और हर घर में भरपूर पानी उपलब्ध है।
पहले सबसे आखिर में आता था थोड़ा-सा पानी :
क्यारकुली भट्टा गांव की शिवानी गिरी का कहना है कि जल जीवन मिशन सरकार की हर घर में पेयजल उपलब्ध करवाने का एक सफल प्रयास और योजना है। उनका कहना है कि उनके गांव में पहले पानी की बहुत किल्लत थी। भौगोलिक दृष्टि के चलते उनके घर में बामुश्किल जरूरत का पानी पहुंच पाता था।
अब 24 घंटे हर घर के नल में आता है पानी :
क्यारकुली भट्टा गांव के पेयजल लाइनमैन मुन्ना सिंह रावत का कहना है कि पहले गांव में खासतौर पर गर्मियों के मौसम में पानी की किल्लत हो जाया करती थी। पेयजल श्रोत से पानी के सप्लाई टैंक से कुछ घंटों के लिए ही गांव वालों को पानी मिल पाता था लेकिन जल जीवन मिशन परियोजना के आने के बाद व्यवस्थित तरीके से 24 घंटे हर घर के नल में पानी की उपलब्धता संभव हो पायी है।
आईटीबीपी की हरियाली बचाने की मुहिम भी बनी सहयोगी :
क्याकुली भट्टा गांव की प्रधान कौशल्या रावत के पति राकेश रावत का कहना है कि जल जीवन मिशन योजना सकारात्मक प्रयास और क्यारकुली भट्टा क्षेत्र में आईटीबीपी अकेडिमी की हरियाली बचाने के तहत किए गए पौधरोपण से भी भू-जल के स्तर में बढ़ोत्तरी हुई है।