उत्तराखंड

विकास कार्यों में वन भूमि की बाधाओं को दूर करें : महाराज

डीबीएल संवाददाता / देहरादून।

प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में वन भूमि के कारण विकास कार्यों में आ रही रुकावट को लेकर लोक निर्माण, सिंचाई, पर्यटन, पीएमजीएसवाई एवं वन विभाग की समन्वय समिति की बैठक में विभागीय अधिकारियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रदेश के विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए सभी बाधाओं को दूर करने के साथ-साथ वन विभाग के अधिकारियों को वन संरक्षण अधिनियम के कारण होने वाली रुकावटों को भी दूर करने के निर्देश दिए गये।

प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में शुक्रवार को आईएचएम गढ़ी कैंट में वन भूमि के कारण विकास कार्यों में आ रही रुकावट को लेकर लोक निर्माण, सिंचाई, पर्यटन, पीएमजीएसवाई एवं वन विभाग की ष्समन्वय समितिष् की बैठक में विभागीय अधिकारियों को प्रदेश के विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाने और उसमें वन संरक्षण अधिनियम के कारण होने वाली रुकावटों को भी दूर करने के निर्देश दिए गये। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से कहा कि वह सड़कों का समरेखण करते इस बात का ध्यान रखें की जिन स्थानों पर भूस्खलन की संभावना सबसे कम हो उन्हें स्थान का सड़कों के एलाइनमेंट के लिए चयन करें। उन्होंने वन भूमि के कारण रुके जनपद पौड़ी के कुण्जखाल-कोलाखाल से गौखण्ड-रिकडेरा-पाटल्यूं मोटर मार्ग सहित सभी छह मोटर मार्गो की वन विभाग के अधिकारियों से स्वीकृत देने को कहा।

लोनिवि मंत्री श्री महाराज ने बैठक के दौरान वन विभाग के अधिकारियों से कहा कि देहरादून (पुरुकुल गांव) से मसूरी लाइब्रेरी चौक तक रोपवे परियोजना के लोअर टर्मिनल पॉइंट के ऊपर स्थित आवासीय इकाइयों हेतु वैकल्पिक मार्ग के निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा भूमि हस्तांतरण का जो प्रस्ताव भेजा गया है उसकी तत्काल स्वीकृति दी जाए। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों से कहा कि पर्यटन विभाग द्वारा जागेश्वर धाम का डेस्टिनेशन प्लान तैयार कर विकसित किया जाना प्रस्तावित है इसलिए जागेश्वर धाम डेस्टिनेशन प्लान के अंतर्गत प्रस्तावित आरतोला में अपर लेवल एवं लोअर लेवल पार्किंग के निर्माण, आरतोला में बसेरा, शॉप, चार्जिंग स्टेशन और पार्किंग गेट के निर्माण किया जाना है। उसके लिए चिन्हित सिविल भूमि को वन पंचायत से शीघ्र मुक्त किया जाए।

महाराज ने जनपद उत्तरकाशी के सीमांत ग्राम जादूंग को पर्यटक ग्राम के प्रवेश द्वार एवं चेक पोस्ट के निर्माण के संबंध में भूमि हस्तांतरण की कार्रवाई को तुरंत अमल में लाया जाये। उन्होंने जनपद नैनीताल में निर्माणाधीन जमरानी बांध से पोषित होने वाली हरिपुरा नहर जिसका निर्माण वन अधिनियम 1980 लागू होने से पूर्व वर्ष 1977-78 में जमरानी बांध परियोजना के प्रथम चरण में हुआ था उसके समरेखण में आने वाले वृक्षों के पातन सम्बंधी अनुमति के विषय में वन विभाग के अधिकारियों से जानकारी मांगी गयी ताकि जमरानी बांध निर्माण से उधम सिंह नगर को सिंचाई हेतु उपरोक्त नहर से जल उपलब्ध होना निश्चित हो सके।

बैठक में पीसीएफ एवं नोडल, एस.पी. सुबुद्धि, सीसीएफ इको टूरिज्म पी.के. पात्रो, लोनिवि के अपर सचिव विनीत कुमार एवं बी.एल. राणा सहित लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई एवं वन विभाग के अनेक अधिकारी मौजूद थे।

घाट निर्माण हेतु सिंचाई विभाग को दिए निर्देश :

महाराज ने पर्यटन विभाग के अधिकारियों को महासू देवता मंदिर, हनोल गंतव्य मास्टर प्लान के अंतर्गत रिवन फ्रंट एवं सुरक्षा दीवार तथा घाट निर्माण हेतु सिंचाई विभाग को तत्काल डीपीआर उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए। महाराज ने जनपद पौड़ी के ऐकेश्वर ब्लॉक के ग्राम कुंलडीधार में बाघ द्वारा लोगों पर हमले की बढ़ती घटनाओं और क्षेत्र में वन्यजीव के आतंक को देखते हुए वन विभाग के अधिकारियों को अधिक से अधिक पिंजरे लगाने के निर्देश भी दिए।

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