उत्तराखंड

उत्तराखंड में आपदा के दौरान बचाव व राहत कार्यों की समीक्षा की

डीबीएल संवाददाता / देहरादून।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने धराली में संचालित राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की। इसके साथ ही इस मानसून सीजन में थराली, स्यानाचट्टी, पौड़ी तथा प्रदेश के अन्य स्थानों पर हुए नुकसान की जानकारी ली। एनडीएमए के स्तर से राज्य को हरसंभव मदद का भरोसा दिया गया है।

एनडीएमए के ज्वाइंट एडवाइजर ऑपरेशंस लेफ्टिनेंट कर्नल संजय कुमार शाही ने धराली तथा थराली आपदा में उत्तराखंड सरकार तथा आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन आपदाओं का सामना करने में आपदा प्रबंधन विभाग तथा विभिन्न रेखीय विभागों के मध्य बड़ा संतुलित व बेहतरीन समन्वय देखने को मिला। इस दौरान उन्होंने धराली में इस्तेमाल किए गए विभिन्न उपकरणों जैसे जीपीआर, उच्च स्तरीय मेटल डिटेक्टर, थर्मल इमेजर, ड्रोन, लिडार, वीएलएस कैमरा, लाइव डिटेक्टर के प्रयोग के दौरान प्राप्त अनुभवों के आधार पर एक रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने को कहा है।

सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य का समूचा आपदा प्रबंधन तंत्र पूरी क्षमता तथा दक्षता के साथ धराली और थराली में डटा है। दोनों ही आपदाएं बड़ी हैं, लेकिन ग्राउंड जीरो पर कार्य कर रही टीमों के हौसले भी बुलंद हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष मानसून अवधि में राज्य को हुए नुकसान की एक समग्र रिपोर्ट जल्द ही भारत सरकार को प्रस्तुत की जाएगी।
बैठक में अपर सचिव यूएसडीएमए के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, यूएलएमएमसी के निदेशक डॉ. शांतनु सरकार आदि मौजूद रहे।

एसडीआरएफ ने एकत्र किए मिट्टी और पत्थर के नमूने :

एसडीआरएफ के कमांडेंट अर्पण यदुवंशी ने बताया कि एसडीआरएफ और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की टीम द्वारा श्रीकंठ पर्वत के बेस कैंप से मिट्टी तथा पत्थरों के सैंपल एकत्र किए गए हैं। इन्हें वाडिया भूविज्ञान संस्थान तथा एनआरएससी को अध्ययन के लिए दे दिया है। इसके साथ ही ड्रोन से भी पूरे क्षेत्र का निरीक्षण किया गया है। ड्रोन फुटेज भी इन्हें उपलब्ध करा दी गई हैं।

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